दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

Bengaluru-Chennai Expressway: 11 वर्ष बाद जल्द शुरू हो सकता है एक्सप्रेस-वे का निर्माण

बेंगलुरू-चेन्नई एक्सप्रेसवे का कार्य शुरू होने के लिए तैयार है. लगभग एक दशक के बाद बहुचर्चित सड़क परियोजनाओं में से एक बेंगलुरु-चेन्नई एक्सप्रेसवे (सीबीई) भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) द्वारा जल्द निर्माण शुरू किया जा सकता है.

raw
raw

By

Published : May 27, 2022, 6:47 PM IST

चेन्नई: बेंगलुरू-चेन्नई एक्सप्रेसवे के लिए भूमि अधिग्रहण, पर्यावरण और वन जैसी आवश्यक मंजूरी प्रमाण पत्र हासिल किया जा चुका है. इसके निर्माण का कार्य जल्द ही शुरू होने की संभावना है. 262 किलोमीटर लंबे बेंगलुरु-चेन्नई एक्सप्रेसवे को 14870 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से बनाया जा रहा है.

इस एक्सप्रेसवे पर मोटर चालक 120 किमी. प्रति घंटे की गति से ड्राइव कर सकते हैं. यह कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु राज्यों से होकर गुजरेगी. बेंगलुरु और चेन्नई के बीच यात्रा का समय 2 से 3 घंटे कम हो जाएगा. 2011 में प्रस्तावित सड़क निर्माण के लिए NHAI भूमि अधिग्रहण करते समय व्यावसायिक प्रतिष्ठानों और पर्यावरणविदों का कड़ा विरोध झेलना पड़ा था.

तीन राज्यों से गुजरेगा एक्सप्रेसवे:एनएचएआई अधिकारियों ने कहा कि तीन राज्यों कर्नाटक (800 हेक्टेयर), आंध्र प्रदेश (900 हेक्टेयर) और तमिलनाडु (900 हेक्टेयर) में लगभग 2600 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण करने की जरूरत है. हालांकि उन्हें इस प्रक्रिया को पूरा करने में अधिक समय लगा. ब्लूप्रिंट के अनुसार बैंगलोर-चेन्नई एक्सप्रेसवे कर्नाटक के होसकोटे से शुरू होता है और राज्य के भीतर 75.64 किमी चलता है. आंध्र प्रदेश में यह चित्तूर जिले में 88.30 किमी तक है जबकि तमिलनाडु में तिरुवल्लूर, कांचीपुरम और वेल्लोर जिलों से होकर एक्सप्रेसवे गुजरेगा. यह राज्य में 98.32 किमी की दूरी तय करने के बाद श्रीपेरंबुदूर में समाप्त होगा.

120 किमी की रफ्तार:वर्तमान में चेन्नई से बेंगलुरु के लिए दो मार्ग हैं. एक कृष्णागिरी और रानीपेट के माध्यम से जो 372 किमी तक लंबा है. दूसरा कोलार, चित्तूर, रानीपेट और कांचीपुरम से होकर है, जो 335 किमी लंबा है. नई परियोजना के अनुसार सड़क तीन राज्यों - कर्नाटक (71 किमी), आंध्र प्रदेश (85 किमी) और तमिलनाडु (106 किमी) से होकर गुजरेगी और बेंगलुरु और चेन्नई के बीच यात्रा के समय को कम करने में मदद करेगी. एनएचएआई के एक वरिष्ठ तकनीकी अधिकारी ने कहा कि राजमार्ग को 120 किमी प्रति घंटे की गति से वाहनों की गति के लिए डिजाइन किया जा रहा है. इसमें कोई चौराहा नहीं होगा और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पैदल और वाहनों के अंडरपास होंगे. एक्सप्रेसवे में एलिवेटेड ब्रिज, अंडरपास और टोल प्लाजा भी होंगे.

क्या नुकसान क्या फायदा:ईटीवी भारत से बात करते हुए अन्ना विश्वविद्यालय के सेवानिवृत्त प्रोफेसर केपी सुब्रमण्यम, जो अर्बन इंजीनियरिंग में विशेषज्ञता रखते हैं, ने कहा कि परिवहन नेटवर्क औद्योगिक और आर्थिक विकास के लिए उत्प्रेरक हैं. प्रस्तावित एक्सप्रेसवे समय और दूरी को कम करके पुरुषों और सामग्री के तेजी से पारगमन को लाभ होगा. हालांकि तस्वीर का दूसरा पक्ष भी है. इसका पर्यावरण और पारिस्थितिकी पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा. इससे कृषि भूमि का अंधाधुंध रूपांतरण होगा और परिणामी खाद्य सुरक्षा, जल निकायों का अतिक्रमण और पारिस्थितिक उत्सर्जन, पर्यावरण प्रदूषण, दुर्घटनाएं और जलवायु परिवर्तन होंगे.

उन्होंने सुझाव दिया कि रेलवे सबसे बेहतर स्थायी विकल्प होता है. एक्सप्रेसवे गरीबों और दलितों की सेवा नहीं कर सकता है. ईटीवी भारत द्वारा संपर्क किए जाने पर एस जनकुमारन, जो इस परियोजना के दौरान एनएचएआई (कांचीपुरम) के परियोजना निदेशक ने बताया कि एनएचएआई को भूमि अधिग्रहण में बाधा का सामना करना पड़ा. बाद में यह प्रक्रिया को पूरा करने में कामयाब रहा. एनएचएआई ने निविदा जारी की और सड़क निर्माण जल्द ही शुरू हो जाएगा.

यह भी पढ़ें- तेलंगाना में एक और ऑनर किलिंग, इस बार लड़की की हत्या

ABOUT THE AUTHOR

...view details