अगरतला :भारत में बांग्लादेशी नागरिकों का बिना परमीशन आने का सिलसिला थम नहीं रहा है. बांग्लादेश से सटे भारतीय राज्यों में ऐसे अवैध प्रवासियों पर पुलिस नजर रख रही है. त्रिपुरा में बुधवार शाम धर्मनगर के इंटर स्टेट बस टर्मिनल से 11 संदिग्ध बांग्लादेशी नागरिकों को हिरासत में लिया गया. धर्मनगर सब डिविजनल पुलिस ऑफिसर सौम्य देबबर्मा ने बताया कि पकड़े गए 11 संदिग्ध बांग्लादेशी नागरिकों में 7 पुरुष, 2 महिलाएं और 2 बच्चे हैं.
पूछताछ में इन आरोपियों ने पुलिस को बताया कि उन्होंने सीमा पार कराने वाले एक दलाल की मदद से भारतीय इलाके में एंट्री ली थी. हालांकि उन्होंने यह नहीं बताया कि वह किस बॉर्डर के जरिये भारत आए थे. इन बांग्लादेशी नागरिकों ने बताया कि त्रिपुरा में एंट्री लेने के बाद वह चार घंटे तक इधर-उधर घूमते रहे. फिर असम की राजधानी गुवाहाटी जाने के लिए धर्मनगर के इंटर स्टेट बस टर्मिनल पर पहुंचे थे. उन्हें भारत लाने वाले दलाल ने असम में नौकरी दिलाने का वादा किया था.
पुलिस ने कहा कि दलालों ने भारत में एंट्री कराने के लिए उनसे लगभग 15,000 रुपये लिए थे. पुलिस को यह भी संदेह था कि इस अवैध घुसपैठ के पीछे राज्य भर में एक रैकेट काम कर रहा है. दो बच्चों के अलावा, आईएसबीटी से गिरफ्तार किए गए 9 लोगों की पहचान शाहिदुल मुल्ला (28), मोहम्मद अलमीन मिया (24), मोहम्मद मुल्ला (18), साबिर शेख (20), राजू शेख (40), और अहद मियां (21) राहुल शेख (17) बीना बेगम (48) और कुलसुम बेगम (23) के तौर पर हुई है.
बता दें कि हाल ही में बीएसएफ ने बांग्लादेश से अवैध घुसपैठ पर एक रिपोर्ट जारी की थी. रिपोर्ट के अनुसार, 1 जनवरी 2019 से 28 अप्रैल 2022 तक कम से कम 4896 बांग्लादेशी नागरिकों को भारत में घुसते हुए पकड़ा गया. 2019 के बाद से भारत-बांग्लादेश सीमा से करीब 14 हजार बांग्लादेशी नागरिकों को वापस भेजा गया है या उन्हें भारत में घुसने से रोका गया. रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि अक्सर नौकरी की तलाश में बांग्लादेशी नागरिक भारत आते हैं. वे नदियों और खुले बॉर्डर के जरिये भारत में घुसते हैं. इस काम में भारत और बांग्लादेश में दलाल सक्रिय हैं.
पढ़ें : बीएसएफ की मुस्तैदी से घुसपैठ पर नकेल, तीन साल में वापस भेजे गए 14 हजार बांग्लादेशी