नई दिल्ली :महंगाई एवं कुछ आवश्यक पदार्थों पर माल और सेवा कर (जीएसटी) लगाए जाने सहित विभिन्न मुद्दों पर विपक्षी दलों के सदस्यों के हंगामे की वजह से मंगलवार को राज्यसभा की कार्यवाही बार-बार बाधित हुई तथा हंगामे के कारण विपक्ष के 19 सदस्यों को वर्तमान सप्ताह के शेष समय के लिए सदन से निलंबित कर दिया गया. सदन से निलंबित किए गए सदस्यों में सात तृणमूल कांग्रेस के हैं जबकि छह सदस्य द्रमुक के, तीन तेलंगाना राष्ट्र समिति के, दो मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पाटी के और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के एक सदस्य हैं.
दोपहर दो बजे के बाद जब सदन की बैठक शुरू हुई तो उपसभापति हरिवंश ने सामूहिक संहार के आयुध और उनकी परिदान प्रणाली (विधि विरुद्ध क्रियाकलाप का प्रतिषेध) संशोधन विधेयक पर अधूरी चर्चा को फिर से आगे बढ़ाने के लिए मनोनीत सदस्य राकेश सिन्हा को बुलाया. राकेश सिन्हा ने जब अपनी बात शुरू की, उसी दौरान तृणमूल कांग्रेस सहित विभिन्न विपक्षी दलों के सदस्य विरोध जताते हुए आसन के समक्ष आ गए और नारेबाजी करने लगे.
उपसभापति ने उनसे नारेबाजी करने और पोस्टर दिखाने से मना किया और अपने स्थानों पर व़ापस चले जाने का अनुरोध किया. उनके अनुरोध का कोई असर होते न देख उन्होंने विपक्षी सदस्यों को आगाह किया कि यदि वे अपना यही व्यवहार जारी रखते हैं तो उन्हें इन सदस्यों का नाम लेने के लिए विवश होना पड़ेगा. इसके बाद उपसभापति ने संसदीय कार्य राज्य मंत्री वी मुरलीधरन को एक प्रस्ताव पढ़ने की अनुमति दी जिसमें कहा गया था कि सदन कुछ सदस्यों के कदाचार को बहुत ही गंभीरता से लेता है. उन्होंने कहा कि इन सदस्यों.
ये सांसद निलंबित :मोहम्मद नदीमुल हक, डोला सेन, शांता छेत्री, अबीर रंजन विश्वास, डॉ. शांतनु सेन, मौसम नूर, सुष्मिता देव, एम मोहम्मद अब्दुला, कनिमोई एम सोमू, एम षड्मुगम, एस कल्याण सुंदरम, आर गिरिराजन, एन आर एलानगो, बी एल यादव, रविचंद्रन वद्दीराजु, दामोदर राव दिवाकोंडा, वी शिवदासन, ए रहीम तथा सतोष कुमार ने सदन और आसन की गरिमा के प्रति असम्मान का भाव जताया है. उन्होंने कहा कि नियम 256 के तहत इन सदस्यों को वर्तमान सप्ताह के शेष समय के लिए सदन से निलंबित करने का प्रस्ताव किया जाता है. उपसभापति ने इस प्रस्ताव पर सदन की सम्मति मांगी और सदन ने ध्वनिमत से इसे पारित कर दिया. इस प्रस्ताव पर मतदान करने की विपक्ष की मांग हरिवंश ने यह कहकर खारिज कर दी कि जब तक नारेबाजी कर रहे सदस्य वापस अपने स्थान पर नहीं जाते, वह मतदान की अनुमति नहीं दे सकते.