कोरबा में 11 फीट लंबा किंग कोबरा का किया गया रेस्क्यू कोरबा: जिले केसोलवा पंचायत के पसरखेत गांव के पास शनिवार को किंग कोबरा के दिखते ही लोग सकते में आ गए. महुआ बीनने के दौरान विशाल विषधर किंग कोबरा को देखते ही लोग भाग खड़े हुए. गांववालों ने इसकी जानकारी वन विभाग को दी. वन विभाग की टीम ने पहले भीड़ हटाया, फिर वन विभाग के रेस्क्यू टीम ने जितेन्द्र सारथी के साथ 11 फीट लंबे किंग कोबरा का रेस्क्यू किया. गांव से दूर जंगल में सुरक्षित तरीके से किंग कोबरा को छोड़ दिया गया. इसके बाद ग्रामीणों ने राहत की सांस ली.
पहाड़ चित्ती को देख सहमे लोग: सुबह के समय ग्रामीण अपने घरों के पास महुआ बीन रहे थे. इसी वक्त किंग कोबरा जिसे स्थानीय ग्रामीण, पहाड़ चित्ती कहते हैं, फन फैलाए बैठा दिखा. एक ग्रामीण के बाड़ी में किंग कोबरा को देख आसपास के लोग वहां से भाग खड़े हुए.
किंग कोबरा को स्थानीय भाषा में कहते हैं पहाड़ चित्ती:किंग कोबरा का रेस्क्यू करने वाले जितेंद्र सारथी ने बताया कि "स्थानीय भाषा में किंग कोबरा को पहाड़चित्ती के नाम से भी जाना जाता है. इसकी लंबाई 20 से 21 तक हो सकतती है. सांपों की यह प्रजाति बेहद दुर्लभ है. दक्षिणपूर्व एशिया और भारत के कुछ भागों में यह पाया जाता है. यह दुनिया के सर्वाधिक खतरनाक और लंबे सापों में से एक है. छत्तीसगढ़ के कोरबा में किंग कोबरा अच्छी संख्या में फल फूल रहे हैं, जो इस बात को दर्शाता है कि कोरबा जिले का जंगल जैव विविधता से भरा हुआ है. इसको बचाये रखने की जरूरत है. बीते कुछ वर्षों में कोरबा जिले के अलग अलग क्षेत्रों में किंग कोबरा मिले हैं, जो कि जिले के साथ पूरे प्रदेश के लिए गर्व का विषय हैं."
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डीएफओ ने लोगों से की अपील: कोरबा वनमंडल के डीएफओ अरविंद पीएम ने आम लोगों से अपील करते हुए कहा कि "कोरबा का जंगल जैव विविधता से भरा हुआ है, जिसको बचाना सिर्फ वन विभाग ही नहीं हम सभी का कर्तव्य है. इसलिए वन्य जीव संरक्षण और रेस्क्यू के लिए विभाग को तत्काल जानकारी दें. ताकि ऐसे दुर्लभ प्रजाति के जीव जंतुओं को रेस्क्यू कर सुरक्षित जंगल में छोड़ा जा सके. इन्हें किसी तरह का नुकसान बिल्कुल न पहुंचाएं. हमारी खाद्य शृंखला के लिए खास तौर पर किंग कोबरा जैसे जीव की उपस्थिति बेहद जरूरी है."