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दंतेवाड़ा में 108 कर्मी बने देवदूत, नदी को पार कर बुजुर्ग महिला को पहुंचाया अस्पताल - 108 ambulances saved the life of an elderly woman

छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में 108 एंबुलेंस ने सेवा भावना की बड़ी मिसाल पेश की है. नक्सल प्रभावित गौरगांव में बीमार बुजुर्ग महिला को एंबुलेंस ने उबड़-खाबड़ रास्तों और नदी को पार कर मरीज को अस्पताल पहुंचाया है.

दंतेवाड़ा में 108 कर्मी बने देवदूत
दंतेवाड़ा में 108 कर्मी बने देवदूत

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Published : Feb 14, 2021, 9:40 PM IST

दंतेवाड़ा :नक्सल प्रभावित क्षेत्र दंतेवाड़ा में 108 एंबुलेंस ने बीमार बुजुर्ग महिला की जान बचाई है. 50 वर्षीय बुजुर्ग महिला फगनी बाई को उल्टी, दस्त के साथ तेज बुखार आ रहा था. जिसकी सूचना 108 एंबुलेस को दी गई. अतिसंवेदनशील क्षेत्र होने के चलते गांव पहुंचने के लिए सड़क और पुल नहीं है. लेकिन बिना किसी परवाह करते हुए 108 की टीम ने तत्परता दिखाते हुए नदी को पार करते हुए मरीज को लेने उसके गांव पहुंची.

दंतेवाड़ा में 108 कर्मी बने देवदूत

108 एंबुलेंस ने पेश की बड़ी मिसाल
छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में 108 एंबुलेंस की टीम ने सेवा भावना की बड़ी मिसाल पेश किया है. नक्सल प्रभावित गौर गांव में बीमार बुजुर्ग महिला को वक्त पर पहुंचकर 108 एंबुलेंस ने अस्पताल पहुंचाया. सड़क और पुल न होने के बावजूद एंबुलेंस ने उबड़-खाबड़ रास्तों और नदी को पार कर मरीज को अस्पताल पहुंचाया है.

उबड़-खाबड़ रास्तों और नदी को पार कर एंबुलेंस पहुंची गांव

गौर गांव निवासी 50 वर्षीय बुजुर्ग महिला फगनी बाई को उल्टी, दस्त के साथ तेज बुखार आ रहा था. लेकिन गांव आने के लिए रोड न होने के चलते बुजुर्ग महिला को अस्पताल ले जाने में काफी परेशानी हो रही थी. ग्रामीणों ने बुजुर्ग महिला की हालत बिगड़ता देख 108 एंबुलेंस को सूचना दी. 108 की टीम ने तत्काल उबड़ खाबड़ रास्ते और नदी को पार करते हुए मरीज को लेने गौरगांव पहुंची. 108 की टीम के पायलट और पैरामेडिकल स्टाफ अशोक सिंह, ईएमटी प्रियंका साहू ने बुजुर्ग महिला का प्राथमिक उपचार कर एंबुलेंस में बैठाकर जिला अस्पताल पहुंचाया. जहां बुजुर्ग का उपचार जारी है.

मरीजों को होती है काफी दिक्कतें

अतिसंवेदनशील क्षेत्र में मार्ग नहीं होने के कारण 108 संजीवनी कर्मियों को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है. परंतु 108 की टीम स्टाफ के हौसले बुलंद है और इन चुनौतियों का सामना कर रहे हैं. गांव वालों ने बताया कि नक्सल प्रभावित क्षेत्र होने के कारण सड़कें नहीं बनी है. यहां आवागमन को लेकर आम दिनों खासकर बारिश के समय में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. बरसात के दिनों में किसी की तबीयत खराब होने पर खाट पर लाद कर रोड तक लाना पड़ता है. शासन-प्रशासन की पहल से गांव तक पुलिया और रोड बन जाए तो गांव के लिए अच्छा होगा. किसी भी व्यक्ति की तबीयत खराब होने पर आसानी से 108 को बुलाया जा सकता है.

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