नयी दिल्ली: भारत ने सोमवार, 17 अप्रैल को अपनी 100वीं जी20 बैठक, कृषि प्रमुख वैज्ञानिकों की बैठक (एमएसीएस) की मेजबानी के साथ वाराणसी में अपनी जी20 अध्यक्षता में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि का जश्न मनाया. गोवा में दूसरा हेल्थ वर्किंग ग्रुप, हैदराबाद में दूसरा डिजिटल इकोनॉमी वर्किंग ग्रुप और शिलांग में स्पेस इकोनॉमी लीडर्स प्रीकर्सर मीटिंग भी सोमवार को आयोजित की गई.
पिछले साल 16 नवंबर को जी20 बाली शिखर सम्मेलन में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी को जी20 की अध्यक्षता सौंपने के बाद, भारत की साल भर चलने वाली जी20 की अध्यक्षता 1 दिसंबर 2022 को शुरू हुई और 30 नवंबर 2023 तक जारी रहेगी. इससे पहले पिछले साल 8 नवंबर को प्रधानमंत्री मोदी ने G20 लोगो लॉन्च किया था और भारत की G20 प्रेसीडेंसी थीम का अनावरण किया था.
भारत में जी20 की प्रेसीडेंसी थीम 'वसुधैव कुटुम्बकम - एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य' रखी गई है. भारत के राष्ट्रीय ध्वज के रंगों में डिज़ाइन किया गया, G20 लोगो हमारे प्रो-प्लैनेट दृष्टिकोण और चुनौतियों के बीच विकास का प्रतीक है. G20 में 19 देश (अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, कोरिया गणराज्य, मैक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, तुर्की, संयुक्त राज्य अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम, यूरोपीय संघ) शामिल हैं.
जी20 सदस्य वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद के लगभग 85%, वैश्विक व्यापार के 75% से अधिक और विश्व जनसंख्या के लगभग दो-तिहाई का प्रतिनिधित्व करते हैं. अब तक, 28 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को कवर करते हुए 41 शहरों में 100 जी20 बैठकें आयोजित की जा चुकी हैं. जी20 के मुख्य समन्वयक हर्ष श्रृंगला ने यहां नई दिल्ली में मीडिया को बताया कि राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों के पूर्ण समर्थन और भागीदारी के साथ भारत भर में बैठकें आयोजित की जा रही हैं.
भारत की अध्यक्षता के दौरान, पूरे भारत के लगभग 60 शहरों में 200 से अधिक जी20-संबंधित बैठकों के लिए विदेशी प्रतिनिधियों की मेजबानी की जाएगी, जो किसी भी जी20 प्रेसीडेंसी में सबसे व्यापक भौगोलिक विस्तार है. सभी 13 शेरपा ट्रैक वर्किंग ग्रुप्स, 8 फाइनेंस ट्रैक वर्कस्ट्रीम, 11 एंगेजमेंट ग्रुप्स और 4 इनिशिएटिव्स ने ठोस बातचीत शुरू की है.