नई दिल्ली :सरकार की ओर से गुरुवार को लोकसभा में बताया गया कि कुछ प्रकार के विमानों पर कमांडरों की कमी है. इसे विदेशी विमान चालक दल अस्थायी प्राधिकरण (FATA) के जरिए विदेशी पायलटों का उपयोग करके मैनेज किया जा रहा है. वर्तमान में भारत में 67 ऐसे पायलट हैं.
दरअसल डीएमके सांसद कनिमोझी करुणानिधि ने पूछा था कि क्या यह सच है कि कुछ प्रकार के विमानों पर कमांडरों की कमी है और FATA जारी कर विदेशी पायलटों का उपयोग कर इसका प्रबंधन किया जा रहा है. इसके जवाब में केंद्रीय नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री जनरल वीके सिंह की ओर से ये जानकारी उपलब्ध कराई गई है. ये भी पूछा गया था कि क्या 2021 में जारी किए गए 862 वाणिज्यिक पायलट लाइसेंसों के विरुद्ध 296 पायलटों की भर्ती की गई थी. मंत्री ने कहा, विभिन्न भारतीय एयरलाइनों से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2021 में कुल 244 पायलटों की भर्ती की गई है.
क्या आने वाले वर्षों के लिए देश में पायलटों की आवश्यकता का आकलन करने के लिए कोई अध्ययन किया गया है. इस सवाल पर मंत्री ने कहा कि उद्योग के अनुमानों के अनुसार अगले पांच वर्षों में भारत में प्रति वर्ष 1000 पायलटों की आवश्यकता हो सकती है (1000 more Pilots needed per year). वार्षिक आवश्यकता, वाणिज्यिक पायलटों की संख्या विभिन्न कारकों पर निर्भर करती है जैसे एयरलाइन की वित्तीय स्थिति, एयरलाइन विस्तार योजना और विमानन क्षेत्र में वृद्धि आदि.