दिल्ली

delhi

मालाबार नरसंहार के 100 साल : आरएसएस-भाजपा ने इतिहास को फिर से लिखने की जरूरत दोहराई

By

Published : Sep 26, 2021, 2:12 PM IST

मोपला घटना के 100 साल पूरे हो गए हैं. इस पर आयोजित चर्चा में सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जिहादियों ने हजारों हिंदुओं का नरसंहार किया इसलिए इस घटना को विद्रोह नहीं बल्कि नरसंहार के रूप में दर्ज किया जाना चाहिए.

मालाबार नरसंहार
मालाबार नरसंहार

नई दिल्ली : इतिहास में 'मोपला विद्रोह' के रूप में दर्ज कुख्यात मोपला घटना के 100 साल पूरे होने पर आरएसएस और भाजपा नेताओं ने इसे एक नरसंहार के रूप में पहचाने जाने की अपनी मांग दोहराई, जहां जिहादियों ने 10 हजार से अधिक हिंदुओं को मार दिया था. शनिवार को आरएसएस के मुखपत्र पांचजन्य द्वारा आयोजित एक आभासी चर्चा में यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने भी कड़े शब्दों में इसका समर्थन किया.

मालाबार नरसंहार के 100 साल

ऑनलाइन चर्चा को संबोधित करते हुए योगी आदित्यनाथ ने कहा, सौ साल पहले केरल के मोपला में जिहादियों ने हजारों हिंदुओं का नरसंहार किया, महिलाओं के साथ बलात्कार किया गया था और सैकड़ों मंदिरों को तोड़ा गया था, लेकिन दुर्भाग्य से इस नरसंहार को विद्रोह के रूप में जाना गया. उनका दावा है कि हिंदू जमींदार मुसलमानों का शोषण करते हैं, भले ही यह सच था पर मालाबार में भारी संख्या में आम हिंदुओं को क्यों मारा गया? सिर्फ इसलिए कि उन्होंने इस्लाम में परिवर्तित होने से इनकार कर दिया.

उन्होंने कहा, तथ्य यह है कि इतिहास लिखने वाले वामपंथी विचारधारा और छद्म धर्मनिरपेक्ष थे और उन्होंने ध्रुवीकरण के राष्ट्रवादी मकसद के इरादे से ऐसा किया. आजादी के बाद सत्ता में आने वालों ने ऐसी विचारधारा का समर्थन किया. हालांकि मालाबार के काले सच को वीर सावरकर ने उजागर किया था. उन्होंने 1924 में अपनी एक पुस्तक में वास्तविक सत्य का वर्णन किया था.

पढ़ें :-आजादी का अमृत महोत्सव : वैगन ट्रेजडी के 100 साल, जानें अंग्रेजों का एक और काला अध्याय

आरएसएस और संबद्ध संगठन भी मालाबार घटना के बारे में मुखर रहे हैं और उनके नेताओं ने हत्याओं में शामिल लोगों को स्वतंत्रता सेनानी का दर्जा देने का विरोध किया है. आरएसएस से संबद्ध प्रज्ञा प्रवाह के राष्ट्रीय संयोजक जे नंदकुमार ने कहा कि सामूहिक हत्यारों को करदाताओं के पैसे से पेंशन मिल रही है क्योंकि उन्हें स्वतंत्रता सेनानी का दर्जा प्राप्त है.

उन्होंने कहा, केरल में कांग्रेस और वामपंथी सरकारों ने उन सांप्रदायिक तत्वों का समर्थन किया जो मालाबार में हिंदुओं की क्रूर हत्याओं में शामिल थे. मोपला में हुई घटना के बारे में वास्तविक तथ्यों पर शोध और अध्ययन करने की आवश्यकता है. अगर हम इतिहास को ठीक से नहीं समझेंगे, तो यह आप पर दोहरा जाएगा. यही कारण है कि तथ्यों को समझने और इतिहास को सही करने की जरूरत है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details