कानपुर :महानगर में जीका वायरस का प्रकोप लगातार जारी है. जिले में रविवार को 10 और मरीजों में जीका वायरस की पुष्टि हुई है, जिसके बाद संक्रमित मरीजों का आंकड़ा 89 पहुंच गया है. लागातार जीका वायरस के मामले मिलने से स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन में हड़कंप मचा हुआ है.
हालांकि जिला प्रशासन द्वारा लोग जिन क्षेत्रों में मामले सामने आ रहे हैं, वहां निरोधात्मक कार्रवाई कराई जा रही है. नगर निगम के दस्ते और स्वास्थ्य विभाग की टीम लगातार फागिंग सोर्स रिडक्शन और दवाओं का छिड़काव कर रही है. बता दें कि इसके पहले शनिवार काे कानपुर में जीका संक्रमण के 13 मामले सामने आये थे.
उल्लेखनीय है कि कानपुर महानगर को जीका वायरस तेजी के साथ अपनी गिरफ्त में लेता जा रहा है. उत्तर प्रदेश में कानपुर पहला जिला था, जहां पर जीका वायरस का मरीज पाया गया था. इसके बाद हड़कंप मच गया था. इतना ही नहीं डब्ल्यूएचओ की टीम भी कानपुर पहुंची थी और वायरस कहां से आया इसका पता लगाने की कोशिश की थी.
इसके बाद लगातार मामले तेजी के साथ बढ़ते गए और यह आंकड़ा अब 89 पर आ गया है. सरकार भी जीका वायरस के बढ़ते हुए मामलों को लेकर काफी चिंतित है. जिले के आला अधिकारियों को सरकार द्वारा दिशा निर्देश भी भेजे जा रहे हैं कि ज्यादा से ज्यादा टीमें बनाकर और लोगों को चिन्हित कर इस वायरस को रोका जा सके.
जिला प्रशासन द्वारा लोगों से अपील की जा रही है कि रातों में अपने घरों में मच्छरदानी का प्रयोग करें ताकि मच्छरों से बच सकें. वहीं, दवाओं का छिड़काव भी नगर निगम और स्वास्थ्य विभाग की टीमों द्वारा किया जा रहा है. इसके बावजूद जीका वायरस के मामले लगातार बढ़ता जा रहा है.
डेंगू से ज्यादा खतरनाक है जीका वायरस
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक जीका वायरस भी एडीज मच्छर से फैलता है किन्तु यह जीका वायरस डेंगू की तुलना में अधिक खतरनाक है.