अहमदाबाद:गुजरात प्रदेश कांग्रेस की ओर से आगामी विधानसभा चुनाव (Gujarat Assembly Election 2022) को लेकर घोषणा पत्र जारी कर दिया गया. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot Rajasthan CM) ने कांग्रेस भवन में पार्टी का चुनावी घोषणा पत्र (Congress Manifesto Gujarat 2022) लॉन्च किया. कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में युवा, महिला, किसान, सबके लिए लोकलुभावन वादे किए हैं.
साथ ही कांग्रेस ने वादा किया है कि अगर वह गुजरात चुनाव में सत्ता में आती है तो अहमदाबाद के मोटेरा क्षेत्र में स्थित नरेंद्र मोदी स्टेडियम का नाम फिर से सरदार पटेल स्टेडियम कर देगी. अपने चुनावी घोषणा पत्र में कांग्रेस ने यह भी कहा कि वह राज्य सरकार द्वारा 2002 के बिलकीस बानो मामले में 11 दोषियों को समय से पहले जेल से रिहा करने की छूट को रद्द कर देगी. बता दें, बिलकीस बानो मामले में दोषी ठहराए गए 11 लोगों को 15 अगस्त को गोधरा उप-जेल से रिहा कर दिया गया था.
10 लाख नौकरी, 300 यूनिट मुफ्त बिजली देने का वादा
कांग्रेस ने घोषणा पत्र में सरकारी और अर्द्धसरकारी विभागों में 10 लाख नौकरियां, 500 रुपये में एलपीजी सिलेंडर, बेरोजगारी भत्ता और प्रति माह 300 यूनिट मुफ्त बिजली देने का वादा किया है. गुजरात में दो दशकों से अधिक समय से सत्ता से बाहर कांग्रेस ने सभी मछुआरों का तीन लाख रुपये तक का ऋण माफ करने, साथ ही 3,000 रुपये प्रति माह बेरोजगारी भत्ता, दिव्यांगों, विधवाओं, वरिष्ठ नागरिकों और जरूरतमंद महिलाओं को 2,000 रुपये पेंशन देने का भी वादा किया.
कांग्रेस की घोषणापत्र समिति के अध्यक्ष दीपक बाबरिया ने कहा कि इस चुनावी दस्तावेज को तैयार करने से पहले पार्टी ने लगभग 65 लाख लोगों से बातचीत की. गहलोत ने कहा, 'जैसा कि पार्टी नेता राहुल गांधी ने सुझाव दिया था, राज्य में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद हम अपने घोषणापत्र के क्रियान्वयन के लिए एक आयोग बनाएंगे और इसे एक सरकारी दस्तावेज में बदल देंगे. हम अपने घोषणा पत्र की शुचिता बनाए रखेंगे.' उन्होंने यह भी कहा कि पार्टी के सत्ता में आने पर गुजरात में नयी पेंशन योजना को खत्म कर दिया जाएगा और पुरानी पेंशन योजना को उसके स्थान पर लागू किया जाएगा.
पार्टी ने घोषणापत्र में सरकारी और अर्द्ध-सरकारी विभागों में लगभग 10 लाख रिक्त पदों को भरने, 500 रुपये की रियायती दर पर एलपीजी सिलेंडर और हर महीने 300 यूनिट मुफ्त बिजली, सरकारी अस्पतालों में 10 लाख रुपये तक मुफ्त चिकित्सा उपचार, जरूरतमंद छात्रों को 20,000 रुपये तक की छात्रवृत्ति, स्कूलों और कॉलेजों द्वारा वर्तमान में ली जाने वाली फीस में 25 प्रतिशत की कटौती का वादा किया है.