कला को बना लिया रोजगार, श्रीराम का कराए थे नैया पार - बहरुपियों की कहानी
भूख, प्यास और आस हर किसी के पास है. पेट की भूख मिटाने के लिए लोग हर तरीका अपनाते हैं, ताकि दो वक्त की रोटी नसीब हो सके. कुछ ऐसी ही तस्वीरें धमतरी में देखने को मिली, जो गली-गली,घर-घर और दुकान-दुकान घूमकर बहरूपिए दक्षिणा मांग रहे हैं. देखिए खास रिपोर्ट..
Last Updated : Feb 24, 2021, 11:04 PM IST