छत्तीसगढ़ मौसम विभाग में सालों बाद भी नहीं लग पाया रडार सिस्टम
रायपुर में करीब 100 साल पहले मौसम वेधशाला की स्थापना हुई थी. मौसम वेधशाला के आधार पर मौसम की जानकारी दर्ज करने के बाद दूसरे शहर के मौसम विज्ञान केंद्र भेजा जाता था. साल 2000 में छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद 2002 में रायपुर के लालपुर में मौसम विज्ञान केंद्र की स्थापना की गई. 20 साल बाद भी रायपुर के मौसम विज्ञान केंद्र में राडार सिस्टम नहीं लग पाया है. यही वजह है कि भारी वर्षा और मेघ गर्जन का सटीक अनुमान नहीं लग पा रहा है. मौसम वैज्ञानिक आर के वैश्य ने बताया "वर्तमान में मौसम विज्ञान केंद्र में मैनुअल तरीके से हवा की स्पीड और दिशा मापने के लिए इनोमीटर लगा हुआ है. रायपुर के माना एयरपोर्ट पर ऑटोमेटिक उपकरण डीआइडब्ल्यूईआर के माध्यम से भी मौसम संबंधी जानकारी प्राप्त होती है. राडार सिस्टम के लग जाने से मौसम संबंधी मेघ गर्जन, भारी वर्षा की जानकारी, करीब 300 किलोमीटर तक की सटीक जानकारी मिल सकेगी."