महासमुंद के गांवों में मनाया गया अक्ती पर्व , गुड्डा गुड़िया की पूजा के बाद हुआ विवाह - महासमुंद में गुड्डा गुड़िया की पूजा
महासमुंद : अक्षय तृतीया यानी अक्ती के शुभ अवसर पर छत्तीसगढ़ में गुड्डा-गुड़िया के विवाह की रस्म अदायगी होती है. गांवों में बच्चों ने गुड्डा-गुड़िया की शादी रचाई. इस दौरान मिट्टी के गुड्डा-गुड़िया की पूजा अर्चना की (Gudda doll worship in Mahasamund) गई.साथ ही साथ किसी असली शादी के जैसे ही रस्म निभाए गए. आज के दिन बिना पंचांग देखे ही शुभ कार्य करने की परंपरा है. इस महामुहूर्त को छत्तीसगढ़ में 'अक्ती' के रूप में जाना जाता है. इस पर्व का हिंदू रीति रिवाज में बड़ा ही महत्त्व है. इस दिन माता-पिता अपने विवाह योग्य संतानों का विवाह पंडितों, पुजारियों से बिना पूछे ही तय कर देते हैं, क्योंकि वे जानते हैं कि इस महामुहूर्त में हर रश्म को निभाया जा सकता है. सभी प्रकार के शुभ काम हो सकते है. इस मुहूर्त में किसी भी तरह के नए व्यवसाय का शुभारंभ, गृह प्रवेश, सगाई, शादी, नामकरण, जनेऊ संस्कार करने से वह फलदाई होता है.