ETV भारत पर देखिए महिला दिवस स्पेशल 'अपराजिता'
तुम बिखरती हो तो संवरना जानती हो...अपने हौसले से आसमान में उड़ना जानती हो...तुम ठहरती हो लेकिन हर रौ में बहना जानती हो...तुम चुप हो लेकिन सही-गलत कहना जानती हो...तुम हिम्मत हो, उम्मीद हो...हर रोज की जीत हो...तुम हर रूप में मिसाल हो...तुम हर रूप में प्रीत हो...तुम क्यों रुकोगी तुम्हें बढ़ते जाना है... जीते जाना है और जीतते जाना है...