पूनम की कलम में बसता है बस्तर का सौंदर्य और दर्द
बीजापुर: बस्तर.. ये नाम सुनते ही बारूद, नक्सली, आदिवासी, पिछड़ापन दिमाग में कौंध जाते हैं, लेकिन संस्कृति, परंपराओं और प्रकृति की गोद में बैठा ये क्षेत्र किसी को दिखाई नहीं देता. बस्तर की एक शिक्षिका और कवयित्री यही तस्वीर बदलने की कोशिश कर रही हैं. पूनम वासम अपनी कलम से दुनिया के सामने असल बस्तर पेश कर रही हैं. वे कहती हैं कि शायद बस्तर के प्रति आस्था को वो ऐसे ही जता सकती हैं.
Last Updated : Dec 31, 2020, 3:16 PM IST