अपने ही प्रदेश में उपेक्षित हैं लोक कलाकार, कब आएंगे इनके अच्छे दिन ?
विभाग के अधिकारियों की मनमानी के चलते यहां प्रदेश के प्रतिभावान कलाकारों को मंच नहीं मिल पा रहा है या फिर मंच पर जगह नहीं मिलती है. अगर जगह मिल भी गई तो बदले में मेहनताना काफी कम है. वहीं दूसरी ओर प्रदेश के रसूखदार अधिकारियों के परिजनों को संस्कृति विभाग ने मनमाने दाम देकर लगातार उपकृत किया है. नई सरकार बनने के बाद अब इन तमाम मसलों को लेकर जांच कमेटी बनाई गई है, लेकिन कलाकारों को अभी भी उम्मीद कम ही है कि उन्हें विभाग की ओर से बड़ा काम या सम्मान मिल पाएगा.