उम्मीदों और सबके मंगल वाली, 'लोकल' वाली 'वोकल' दिवाली
इस दिवाली बहुत जरूरी है कि हम देसी हो जाएं. लॉकडाउन में परेशान हो चुके कुम्हारों से दीये खरीदें, जिससे उनकी दिवाली भी मीठी हो सके. अपनी उम्मीदों से, अपने हौसले से हम जिस तरह कोविड महामारी के मुश्किल दौर को हरा रहे हैं, वैसे ही हिम्मत बनाए रखें. ये आशा रखें कि ये दिवाली अपनी वाली होगी. अंधकार हटेगा और रोशनी से पूरा विश्व जगमगाएगा. इस दिवाली हम सबके मंगल की, स्वस्थ्य जीवन की और आनंदित मन की कामना करते हैं.