Unique Protest of Aanganwadi workers: धमतरी में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का अनोखा प्रदर्शन, मेहंदी लगाकर लिखी मांगें - dhamtari latest news
धमतरी: धमतरी में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाएं 6 सूत्रीय मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठी हैं. शनिवार को आंदोलन के छठवें दिन कार्यकर्ताओं ने अनोखे तरह से प्रदर्शन किया. धमतरी के गांधी मैदान में बैठी इन महिलाओं ने आंदोलन के छठवें दिन अपने हाथों पर मेहंदी से अपनी मांगों को लिखा और स्लोगन भी बनाया. महिलाओं ने बताया कि जबतक छत्तीसगढ़ सरकार उनकी मांगों को पूरा नहीं करती तब तक अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठे रहेंगे. रोज अलग अलग तरीके से सरकार को जगाने प्रदर्शन किया जाएगा.
"हाथ में मेहंदी लगाकर प्रदर्शन":आंगनबाड़ी कार्यकर्ता संघ की धमतरी जिलाध्यक्ष रेवती वत्सल ने बताया कि "हम लोग छह मांगों को लिकर धरना पर बैठे हैं. जिसका आज छठा दिन है. आज हम लोग अपनी इन्हीं मांगों को लेकर हाथ में मेहंदी लगाकर प्रदर्शन कर रहे हैं. हम लोग सरकार के अपनी मांगों को दिखाने के लिए लिख लिख कर प्रदर्शित कर रहे हैं."
"जायज मांगों को लेकर धरने पर बैठे हैं":आंगनबाड़ी कार्यकर्ता मीना विश्वकर्मा ने बताया कि "आज हमारे प्रदर्शन का छठवा दिन है. हम लोग अपनी जायज मांगों को लेकर धरने पर बैठे हुए हैं. जिससे की सरकार की सारी योजनाएं प्रभावित हो रही हैं. जब तक हम लोग की मांग पूरी नहीं हो जाती तब तक तो हम लोग यहां से जाने वाले नहीं हैं."
"मांगों को मेहंदी से लिख रहे हैं":आंगनबाड़ी कार्यकर्ता केकती साहू न बताया कि "हम लोग अपनी मांगों को मेहंदी से लिख कर सरकार से अपनी मांगों को रख रहे हैं. सरकार ने यह बात कही थी कि जब तक हमें सरकार घोषित नहीं किया जाता तब तक नियमितीकरण नहीं किया जा सकता. इसलिए हम अपनी जायज मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं."
आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं की मांगें:जिले भर के आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाएं अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चली गई हैं. महिलाओं ने 6 सूत्रीय मांगों को लेकर राज्य सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. मांगें पूरी होने तक हड़ताल जारी रखने की बात कही. इधर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिकाओं के हड़ताल से जिलेभर के आंगनबाड़ी केंद्रों में ताला लटक गया है. इसमें कलेक्टर दर पर वेतन, सुपरवाइजर के पद पर पदोन्नति, पेंशन और शासकीय सेवकों की तरह सुविधाएं अहम है. आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने बताया कि सरकार ने अपने घोषणा पत्र में उन्हें कलेक्टर दर पर वेतन देने का वादा किया था. लेकिन प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने के चार साल बाद भी इस दिशा में कोई पहल नहीं की गई है.