Tulsi Puja in Sunday: रविवार के दिन तुलसी पर क्यों नहीं चढ़ाया जाता है जल, जानिए - माता तुलसी का विवाह शालिग्राम भगवान
रायपुर:माता तुलसी का शास्त्रों में बहुत खास महत्व है. कोई भी शुभ काम तुलसी दल और तुलसी पत्र के बिना पूरा नहीं होता. तुलसी पत्र हर पूजन में सामान्य तौर पर इस्तेमाल किया जाता है. चरणामृत हो या पंचामृत हर चीज में तुलसी का प्रयोग किया जाता है. कहा जाता है कि माता तुलसी का विवाह शालिग्राम भगवान से एकादशी के दिन हुआ था. इस दिन रविवार पड़ता है. इसलिए रविवार के दिन तुलसी के पत्ते को तोड़ना वर्जित है. इसी तरह यह भी मान्यता है कि तुलसी ने भगवान विष्णु की लंबी आयु के लिए रविवार के दिन व्रत रखा था. इस कारण भी माता तुलसी को जल नहीं चढ़ाया जाता है. यानी कि रविवार के दिन तुलसी को तोड़ना, स्पर्श करना, जल चढ़ाना वर्जित माना गया है.पंडित विनीत शर्मा कहते हैं कि माता तुलसी पवित्र देवी हैं. कुछ कथाओं के अनुसार रविवार के दिन माता तुलसी भगवान श्री हरि विष्णु के ध्यान में रहती है. रविवार के दिन ध्यान मग्न होकर समाधि की अवस्था को धारण कर भगवान श्री हरि विष्णु के ध्यान में रमी रहती हैं. उनकी तपस्या में किसी तरह की बाधा उत्पन्न ना हो, इसलिए तुलसी को रविवार के दिन नहीं तोड़ा जाता है. यही कारण है कि पूजा आदि के लिए रविवार के 1 दिन पहले ही तुलसी पत्ता लोग तोड़ लिया करते हैं.