चैत्र नवरात्रि 2023: कांकेर की माता सिंहवाहिनी का दरबार, यहां पूरी होती है हर मुराद ! - मां सिंहवाहिनी मंदिर का निर्माण
कांकेर: पूरे जिले में चैत्र नवरात्रि का पर्व धूमधाम से मनाया जा रहा है. सभी मंदिरों की शानदार सजावट की गई है. यहां के सिंहवाहिनी मंदिर में भक्तों को मां दुर्गा और काली का आशीर्वाद एक साथ मिलता है. यही वजह है कि दूर दूर से श्रद्धालु पूजा अर्चना के लिए सिंहवाहिनी मंदिर में आते हैं. मां सिंहवाहिनी मंदिर को लेकर यह मान्यता है कि ऐसा मंदिर भारत में सिर्फ दो ही है. पहला मंदिर कांकेर में है. जबिक दूसरा मंदिर पश्चिम बंगाल के कोलकात्ता में है.
मां सिंहवाहिनी मंदिर का निर्माण, कांकेर के राजा नरेश पदुम देव ने 1876 में कराया था. सिंहवाहिनी की प्रतिमा, एक पत्थर की दुर्लभ मूर्ति है. इस मूर्ति में काली मां और दुर्गा मां का चित्रण एक साथ है. साल 1984 से सिंहवाहिनी माता के दर पर ज्योति कलश भी जलने लगा. पहले यह मंदिर खपरैल भवन में था. साल 1924 में इसका कायाकल्प कराया गया. राजा कोमल देव और राजा भानुप्रताप देव के शासनकाल में इस मंदिर की पूजा पद्धिति में बदलाव आया. 14 अगस्त 1969 में भानुप्रताप देव की मृत्यु के बाद इस मंदिर को बंद कर दिया गया था. बाद में इसे भक्तों की मांग पर खोल दिया गया. ऐसी मान्यता है कि यहां ज्योति कलश के विसर्जन पर देवी पुजारी के शरीर में विराजित हो जाया करती थी. हालांकि अब ऐसा नहीं होता है.