रायगढ़:आजादी के बाद दूरस्थ आदिवासी अंचल के विकास के लिए सरकार ने अरबों खरबों खर्च कर इन्हें मुख्यधारा में लाने की कोशिश की, लेकिन जमीनी हकीकत आज भी जस-की-तस है. इसका प्रत्यक्ष उदाहरण सोमवार को रायगढ़ में देखने को मिला. आदिवासी हॉस्टल में रहने वाले छात्रों की ओर से कई बार विभाग प्रमुख को शिकायत करने के बाद भी सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं. विभाग से चंद मीटर की दूरी पर स्थित आदिवासी छात्रवास के बच्चों ने अपनी समस्याओं का पिटारा विभाग के सहायक आयुक्त अविनाश श्रीवास के सामने खोला.
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छात्रवास संख्या 4 और 7 की हालत खस्ता:छात्रों के आवेदन पत्र से और उनसे बात करने के बाद पता चला कि वे कितनी अमानवीय परिस्थितियों में रहने के लिए बाध्य हैं. छात्रवास संख्या 4 और 7 की हालत एकदम जर्जर हो गई है. पुराना भवन होने के कारण वहां बारिश में अधिकतर स्थानों से पानी टपकता रहता है. कमरे स्विमिंग पूल में तब्दील हो जाते हैं. रायगढ़ की गर्मी भी बहुत भयावह पड़ती है. ऐसी गर्मी में छात्रावास के कई बच्चे पंखाविहीन कमरे में उबलने के लिए बेबस हैं. कई रूम के पंखे खराब हैं तो कई रूमों में पंखे ही नहीं हैं. इस घोर गर्मी में बच्चों के लिए छात्रावास में न तो कूलर है और ना ही फ्रिज या फ्रीजर. सहायक आयुक्त ने बच्चों से मांगपत्र ले लिया है और जल्दी ही उनकी समस्याओं का समाधान करने का भरोसा दिलाया.