Protest of Late Panchayat Teachers: पांच महीने बाद भी पूरी नहीं हुई दिवंगत पंचायत शिक्षक संघ की मांगें
रायपुर: छत्तीसगढ़ में बीते पांच महीने से दिवंगत पंचायत शिक्षक अनुकंपा संघ का प्रदर्शन चल रहा है. लेकिन इतने दिनों के बाद भी सरकार की ओर से पंचायत शिक्षकों की विधवाओं को लेकर कोई सकारात्मक फैसला नहीं आया है. एक सूत्रीय मांग को लेकर लगातार प्रदर्शन जारी है.
विधानसभा घेराव की कोशिश रही असफल: शुक्रवार को अनुकंपा संघ ने एक मौन रैली निकालकर विधानसभा का घेराव करने का फैसला किया. प्रदर्शनकारी विरोध प्रदर्शन के लिए निकल भी पड़े लेकिन उन्हें स्मार्ट सिटी ऑफिस के पास रोक दिया गया. उसके बाद पंचायत शिक्षकों की विधवाओं ने गांधीवादी तरीके से विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया. अनुकंपा संघ का कहना है कि छत्तीसगढ़ में हमारे केस में अनुकंपा नियुक्ति की प्रक्रिया को सरल किया जाना चाहिए. ताकि हमारी नियुक्ति हो सके.
बघेल सरकार पर पंचायत शिक्षक अनुकंपा संघ ने बोला हमला: दिवंगत पंचायत शिक्षक अनुकंपा संघ की प्रदेश अध्यक्ष माधुरी मृगे ने बताया कि "पिछले 152 दिनों से राजधानी में प्रदर्शन कर रहे हैं. बुधवार को विधानसभा में प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा था कि अनुकंपा नियुक्ति का प्रावधान नहीं है. इस बात का खंडन अनुकंपा संघ ने किया और कहा कि अगर अनुकंपा नियुक्ति का प्रावधान नहीं था तो कमेटी क्यों गठित की गई."
कमेटी गठित होने के बाद क्यों मांगी गई जानकारी: माधुरी मृगे ने कहा कि" कमेटी गठित होने के बाद डीपीआई और जिला पंचायत से अनुकंपा नियुक्ति के प्रकरण की जानकारी मांगी गई थी. सब कुछ होने के बाद मुख्यमंत्री का इस तरह का बयान अनुकंपा संघ के साथ छलावा किया जा रहा है. कांग्रेस सरकार ने सत्ता में आने के पूर्व अपने घोषणापत्र में अनुकंपा नियुक्ति नियमों को सॉफ्ट करते हुए अनुकंपा नियुक्ति देने की बात कही थी. उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि कांग्रेसी नेता महेंद्र कर्मा के बेटे को नियमों को शिथिल करते हुए डिप्टी कलेक्टर बनाया गया है. उसी तरह से नियमों को शिथिल करते हुए हमें भी शिक्षाकर्मी ना बनाकर छोटी-मोटी नौकरी दे दी जाए." स्वाभिमान संस्था के अध्यक्ष उदय भान सिंह ने भी पंचायत शिक्षकों की विधवाओं की मांग का समर्थन किया