Mahashivaratri of Bastar: बस्तर में शिवरात्रि से दो दिन पहले शुरू हो जाती है महादेव और मां पार्वती की शादी
दंतेवाड़ा: बस्तर संभाग के दंतेवाड़ा जिले के शक्तिपीठ दंतेश्वरी मंदिर में खास परंपरा के साथ भगवान शंकर और माता पार्वती के मिलन का पर्व महाशिवरात्रि मनाया जाता है. दो दिनों तक अलग-अलग रीति रिवाजों के साथ भगवान शंकर और माता पार्वती की सेवा और विशेष पूजा अर्चना यहां की जाती है. यही कारण है कि यहां मनाई जाने वाली महाशिवरात्रि अन्य जगहों से बिलकुल अलग है. मध्य रात्रि को माता पार्वती और भगवान शंकर का विवाह कराया जाता है.
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आदिकाल से चली आ रही परंपरा:यह अनूठी परंपरा केवल बस्तर के दंतेवाड़ा में दंतेश्वरी मंदिर में देखी जा सकती है. मंदिर के पुजारी परमेश्वर नाथ ने बताया कि "आदिकाल से चली आ रही परंपरा के अनुसार सिरहा जनजाति के लोग महाशिवरात्रि पर भगवान शंकर और मां पार्वती की शादी कराते हैं. शिवरात्रि के दो दिन पहले मां दंतेश्वरी की विशेष पूजा अर्चना की जाती है. जिसके बाद मां दंतेश्वरी मंदिर के पुजारी 35 गांव से आए देवी देवताओं को आमंत्रण देने पांच पांडव मंदिर पहुंचते हैं."
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देवी-देव को मां दंतेश्वरी मंदिर लाया जाता है: "मंदिर प्रांगण से देवी देवताओं की मंडली झूमते नाचते गाते मां दंतेश्वरी मंदिर में प्रवेश करती है. जिसके बाद देवी देवताओं की मां दंतेश्वरी मंदिर के भीतर परीक्षा स्वरूप भक्तों के शरीर में कोड़े बरसाए जाते हैं. यह परंपरा वर्षों से चली आ रही है. जिसे बस्तर के लोग आज भी रीति रिवाज से निभाते हैं. इसके दूसरे दिन धूमधाम से देवों के देव महादेव का विवाह संपन्न होता है. मंदिर प्रांगण में महाशिवरात्रि धूमधाम से मनाई जाती है.