World Environment Day: आदिवासी महासभा जल जंगल जमीन को लेकर हल्लाबोल
दंतेवाड़ा:वन अधिनियम में बदलाव के प्रस्ताव को लेकर अखिल भारतीय आदिवासी महासभा ने रैली निकालते जिला कलेक्टर को राष्ट्रपति के नाम से ज्ञापन सौंपा. अखिल भारतीय आदिवासी महासभा ने चार सूत्रीय मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रही है. जिसमें वन अधिकार दावों और वन क्षेत्रों में सामुदायिक वन हकों के लिए अधिकार पत्र, बगैर ग्रामसभा के अनुमति कार्रवाई रोकने, वन अधिकार मे उल्लेख अधिकारों के खिलाफ जाने पर कार्रवाई जैसे मांग शामिल हैं.
"चाहे वह भाजपा सरकार हो या कांग्रेस सरकार या फिर आम आदमी पार्टी बस्तर की, जल जंगल जमीन को बचाने का संकल्प जरूर लेती है. चुंकी सरकारी पूंजीपति वर्ग के लोगों को पहाड़ के पहाड़ बेचने का काम कर रही है. निजी उद्योग में बाहरी लोगों को नौकरी दिया जाता है." -मनीष कुंजाम, अखिल भारतीय आदिवासी महासभा अध्यक्ष
अध्यक्ष मनीष कुंजाम ने बताया कि"अरसल मित्तल कंपनी व एनएमडीसी के निकले हुए वेस्ट मटेरियल लाल मिट्टी को कंपनियों द्वारा शासन प्रशासन से मिलीभगत कर बिना ग्रामसभा के कई गांव में डलवाए जा रहा है. जिसमें टिकनपाल कुदेली चीता लंका व बैलाडीला पहाड़ी के पीछे कुछ गांव शामिल है. अखिल भारतीय आदिवासी महासभा जिसका विरोध करती है. जिसके लिए हम आने वाले समय में अनिश्चितकालीन हड़ताल की योजना बना रहे हैं. अगर यह काम जल्द से जल्द बंद नहीं किया गया तो आदिवासी महासभा बड़ा आंदोलन करेगी."-मनीष कुंजाम, अखिल भारतीय आदिवासी महासभा अध्यक्ष
जल जंगल जमीन के मुद्दे को लेकर अखिल भारतीय आदिवासी महासभा लगातार सरकार पर हमलावर है. सोमवार को महासभा ने वन अधिनियम में बदलाव को लेकर मोर्चा खोला.