मुंगेली: जिले के सरगांव बैतालपुर के करीब शिवनाथ नदी के बीच में स्थित मदकूद्वीप द्वीप पर आरएसएस का घोष प्रदर्शन कार्यक्रम आयोजित किया गया है. इस कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (Rashtriya Swayamsevak Sangh) के सरसंघचालक मोहन भागवत (Sarsanghchalak Mohan Bhagwat) शामिल हुए.
क्या कहा संघ प्रमुख ने ?
आरएसएस प्रमुख डॉ मोहन भागवत ने यहां शिविर में भाषण दिया. उन्होंने कहा धर्म मतलब सबको साथ लेकर चलना है. किसी को किसी के मानने को नहीं बदलना है जो अपना धर्म अपना मानता है. दूसरे को उसको उसका धर्म मानने देना ही हिन्दू धर्म है.जो अपने धर्म को भूल गए हैं. उन्हें याद दिलाना हिन्दू धर्म है. हम संपूर्ण दुनिया को अपना कुटुंब मानने वाले लोग हैं. हमको सारी दुनिया को उस सत्य को देना है अपने व्यहवार से हम सारी दुनिया और विदेश में जाएंगे. हम चंद्रमा पर भी जाएंगे. हम सबका खोया हुआ व्यहवार का संतुलन वापस देने वाला धर्म देंगे. जो पर्यावरण के साथ ठीक रहना सीखाता है. जो अपने पंथ पूजा और भाषा की विविधता होते हुए भी एक रहना सीखाता है. जो किसी को पराया नहीं मानता है. वह हिंदू धर्म है. उसे सारी दुनिया में देना है. हमें उसे पूरी दुनिया को देना है. इसलिए हमारा भारत में जन्म हुआ है
'शेर भूल गया था कि वो शेर है, इसलिए दूसरे शेर को याद दिलाना पड़ा'
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत (RSS chief Mohan Bhagwat) ने अपने भाषण में शेर और बकरी की कहानी सुनाई. इस कहानी में उन्होंने बताया कि एक अनाथ शेर के बच्चे को देखकर बकरी चराने वाले एक गरड़िया को तरस आया और वह उसे लेकर आ गया. शेर का बच्चा बकरियों के साथ रह रहकर उनके जैसा ही हो गया था. वह भूल गया था कि वह शेर है. जवान होकर भी बकरी जैसा था. तभी दूसरे शेर ने उसे पानी में उसका प्रतिबिम्ब दिखाकर याद दिलाया. जैसे ही जंगल में इसने दहाड़ा तो फिर बकरी और गरड़िया भाग गए. शेर को सिर्फ याद दिलाना पड़ा कि वह शेर है. इसी तरह याद दिलाओ शेर को कि वो शेर है. संघ प्रमुख की बात साफ ये दर्शा रही थी कि लोगो को याद दिलाना है कि वो क्या हैं.