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भटगांव में कोयला खदान में ग्रामीणों का प्रदर्शन, मुआवजा और नौकरी की मांग, 4 दिन से डटे - भटगांव में कोयला खदान में ग्रामीणों का प्रदर्शन

villagers protest at coal mine देश में सबसे ज्यादा कोयला उत्पादन करने वाली कंपनियों में से एक एसईसीएल की एक खदान पिछले 4 दिनों से बंद पड़ी हुई है. यहां बड़ी संख्या में ग्रामीण कोयला खदान के सामने धरने पर बैठे हुए हैं. किसी भी कर्मचारी और अधिकारी को खदान के अंदर नहीं जाने दे रहे हैं. पिछले 4 दिनों से इस कोयला खदान में उत्पादन पूरी तरह से ठप है. अब तक एसईसीएल को करोड़ों का नुकसान हो चुका है.

coal mine in secl Bhatgaon
भटगांव में कोयला खदान में ग्रामीणों का प्रदर्श

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Published : Sep 24, 2022, 7:52 PM IST

सूरजपुर: एसईसीएल भटगांव के ग्रामीण 4 दिन से धरना दे रहे हैं. वे कोयला खदान के मुख्य गेट पर प्रदर्शन कर रहे हैं. एसईसीएल प्रबंधन और ग्रामीणों के बीच कई बार वार्ता होने के बावजूद अबतक हड़ताल समाप्त नहीं हो सकी है. एसईसीएल के हेड क्वार्टर बिलासपुर से भी तीन अधिकारियों की डेलिगेशन टीम ने ग्रामीणों को समझाने का प्रयास किया लेकिन वहां भी बात नहीं बनी. coal mine in secl Bhatgaon

ग्रामीणों का एसईसीएल पर आरोप: ग्रामीणों का आरोप है कि "एसईसीएल ने 2014 में उनकी जमीन का अधिग्रहण किया था. जिसके बदले ग्रामीणों को मुआवजा और नौकरी देना था. एसईसीएल प्रबंधन पिछले 8 सालों से सिवाय आश्वासन के और कुछ नहीं दे रहा है. ग्रामीण काफी नाराज हैं. कई बार एसईसीएल प्रबंधन से बात भी की गई, लेकिन कोई भी सार्थक पहल नहीं की गई."

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आर पार की लड़ाई के मूड में ग्रामीण: गुस्साए ग्रामीण अब आर पार की लड़ाई के मूड में हैं. ग्रामीण शिवानी खदान के गेट पर बैठ गए हैं. उनकी एक ही मांग है कि उनकी जमीन के बदले नौकरी और मुआवजा दिया जाए. जब तक उन्हें नौकरी और मुआवजा नहीं दिया जाता है वे अपना हड़ताल जारी रखेंगे,.

उग्र आंदोलन की तैयारी में ग्रामीण: इस आंदोलन को और उग्र करने की तैयारी में हैं. वहीं एसईसीएल प्रबंधन ने इस मामले में फिलहाल चुप्पी साध रखी है. वहीं श्रमिक यूनियन ग्रामीणों की मांग का समर्थन कर रहा है. श्रमिक यूनियन ने एसईसीएल प्रबंधन से ग्रामीणों की समस्या के जल्द समाधान की मांग की है.

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