सरगुजा: यूक्रेन और रुस युद्ध के बीच किसी तरह जान बचाकर वापस अपने वतन पहुंचे मेडिकल छात्रों की चिंता फिर बढ़ (Ukrainian medical students invited to universities) गई है. यूक्रेन के विश्वविद्यालयों ने उन्हें वापस बुलाया है. कुछ एजेंट उन्हें विश्वविद्यालय बदलवाने का झांसा दे रहे हैं. ऐसे में परिजन भी चिंतित हैं. क्योंकि यूक्रेन में अब भी हालात सामान्य नहीं हो सके हैं.
मिशन गंगा के बाद मिशन सरस्वती की मांग:छात्रों का कहना है की देश की सरकार और प्रधानमंत्री ने जिस तरह मिशन गंगा चलाकर हमे वतन वापस लेकर आए. उसी तरह मिशन सरस्वती चलाकर हमें अपने देश में मेडिकल सीट दी जाये. इन सबके बीच देश के लगभग 13 हजार छात्रों का भविष्य अधर में लटका हुआ है. क्योंकि देश की मेडिकल सीटों में से यूक्रेन से लौटे छात्रों को सीट देने का मामला भी अभी तक विचाराधीन है. एनएमसी ने इस दिशा में कोई पहल अब तक नहीं की है.
यूक्रेनी मेडिकल छात्रों को यूक्रेनी विश्वविद्यालयों का बुलावा, प्रदेश के छात्र चिंतित - sarguja latest news
यूक्रेन से जान बचाकर वापस आये मेडिकल छात्रों की चिंता फिर बढ़ गई है. यूक्रेन के विश्वविद्यालयों ने उन्हें वापस बुलाया है. इस बीच कुछ एजेंट उन्हें विश्वविद्यालय बदलवाने का झांसा दे रहे हैं.
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शिक्षा के दलाल हुए सक्रिय :अम्बिकापुर के छात्र शिवम सिंह कहते हैं " मैं वीएनएम में थर्ड ईयर का स्टूडेंट् हूं. गवर्मेंट की तरफ से कोई रिस्पॉन्स नहीं आ रहा है. और हम लोगों की यूनिवर्सिटी के तरफ से लगातार मैसेज आ रहा है. हम लोगों को यूक्रेन बुलाया जा रहा है. कॉट्रेक्टर लोग भी अलग अलग तरीके से ट्रांसफर लेने दबाव बना रहे हैं. जबकि वहां अभी ट्रांसफर एलाउ नहीं है. अभी हम लोग बहुत दुविधा में फंस गये हैं. हम लोग गवर्मेंट पर डिपेंड हो गए हैं. जो भी रिस्पॉन्स होगा, उसके हिसाब से हम लोग काम करेंगे"
देश में सीट देने की गुजारिश:शिवम अपने देश की सरकार से उम्मीद करते हुए कहते हैं " हम लोग सरकार से यही गुजारिश करते है की जैसे मिशन गंगा के तहत हम लोगों को बुलाया गया, वैसे ही मिशन सरस्वती चालू करें. जिस तरह इज्जत से लाया गया था, उस तरह से यहां पर हम लोगों को सीट देकर हमारी पढ़ाई को पूरी करायें"
दूसरे देश से होकर आने का ऑफर:एक अन्य छात्र शुभम कहते हैं " वहां से मैसेज आ रहा है की हम लोगों को ऑफलाइन क्लासेस के लिये बुला रहे हैं. ये बोल रहे हैं कि तुम लोग दूसरी कंट्री से होकर आओ वीजा कराके. हम लोग अपने आदमी भेजेंगे उसके बाद तुम लोग जहां पढ़ते हो, वहां पर सेफ पढ़ सकते हो. हम लोग सरकार से चाहते हैं की ऐसा डिसीजन ले की हम लोग वापस ना जा सके. हम लोगों को ट्रांसफर दे या फिर इंडिया में ही एडमिशन दे"