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काले हीरे की लालच में गई दो ग्रामीणों की जान

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Published : Jun 3, 2022, 2:50 PM IST

भटगांव की बंद खदान में कोयला चोरी करने की नीयत से घुसे दो ग्रामीणों की पत्थरों से दबकर मौत हो गई (Two villagers died due to a closed mine collapse in Bhatgaon) है.

Two villagers died due to a closed mine collapse in Bhatgaon
काले हीरे की लालच में गई दो ग्रामीणों की जान

सूरजपुर : भटगांव एसईसीएल की बंद पड़ी खदान (Bhatgaon SECL closed mine) में कोयला चोरी की नीयत से गए दो ग्रामीण की चट्टान धसने से मौके पर ही मौत हो गई. घटना की जानकारी मिलने के बाद पुलिस मौके पर पहुंचकर जांच में जुट गई है, इस पूरे मामले में SECL प्रबंधन और पुलिस प्रशासन एक दूसरे पर लापरवाही का आरोप लगा रहे हैं, वही यूनियन के पदाधिकारी और स्थानीय लोगों में आक्रोश है.

काले हीरे की लालच में गई दो ग्रामीणों की जान

क्या है पूरा मामला : कोयला चोरी के लिए बदनाम भटगांव इलाका फिर से एक बार सुर्खियों में है. कोयला चोरी के प्रयास में दो ग्रामीणों की मौत के मामले ने फिर से क्षेत्र में हो रही कोयला चोरी के आरोपों को बल दिया है. गुरुवार देर रात दो ग्रामीण SECL के दुग्गा OCM खदान में (accident in dugga ocm mine) कोयला चुराने के लिए खुद बनाए हुए सुरंग में गए हुए थे. तभी एकाएक चट्टान उन दोनों के ऊपर गिर गया. जिसकी वजह से मौके पर ही दोनों की मौत हो गई. फिलहाल पुलिस दोनों शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजकर मामले की जांच में पुलिस जुट गई है

कई साल से बंद है खदान : हम आपको बता दें कि जिस कोयला खदान में यह घटना हुई है. वह कई सालों से बंद पड़ी है. इसकी सुरक्षा की जिम्मेदारी एचपीसीएल प्रबंधन और पुलिस दोनों की है. वहीं स्थानीय लोगों का आरोप है कि इस क्षेत्र में लंबे समय से एसईसीएल और पुलिस के संरक्षण में अवैध कोयले का कारोबार चल रहा(Police accused of illegal coal conservation) है. जिसकी वजह से अक्सर ऐसी घटनाएं होती रहती हैं. आरोप है कि 24 अप्रैल को भी एक ग्रामीण की मौत कोयला चोरी के दौरान हुई थी. लेकिन इस मामले को वहीं दबा दिया गया. स्थानीय लोग और एसईसीएल के यूनियन के पदाधिकारी लगातार इस बात की मांग कर रहे हैं कि अवैध कोयला चोरी पर प्रतिबंध लगाया जाए. ताकि इन मासूम ग्रामीणों की जान बचाई जा सके.

SECL नहीं दे रहा जवाब :इस पूरे मामले में हमने एसईसीएल प्रबंधन से लगातार संपर्क करने का प्रयास किया. बावजूद इसके उन की तरफ से इस पूरे मामले में कुछ भी कहने से साफ तौर पर मना कर दिया गया. SECL प्रबंधन की चुप्पी कई सवाल खड़े कर रही (SECL kept silent about the accident) है. वहीं पुलिस विभाग कार्रवाई करने की बजाय ग्रामीणों को समझाइश देने की बात कह रही है.

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कोयला चोरी नई बात नहीं :सूरजपुर जिले में कोयला चोरी कोई नई बात नहीं है. लेकिन सवाल ये है कि SECL प्रबंधन के पास सुरक्षा गार्डों की एक फौज है. स्थानीय पुलिस थाने में भी बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों की तैनाती है. बावजूद इसके लगातार इस क्षेत्र में चोरी की घटनाएं आम बात है. आखिरकार सवाल ये है कि आखिर कब तक कोयला माफिया पैसों का लालच देकर ग्रामीणों की जान के साथ खिलवाड़ करता रहेगा. क्यों कोयला माफिया पर पुलिस प्रशासन और एसईसीएल प्रबंधन रोक नहीं लगा पा रहा.

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