सरगुजा के राजेश की सक्सेस स्टोरी, खड़ी की करोड़ों की कंपनी
Success story of Surguja: पढ़ाई हुनर सिखाता है और तजुर्बा जिंदगी में आगे बढ़ने का सलीका. पढ़ाई और तजुर्बे का साथ जब सरगुजा के राजेश को मिला तो उन्होने बना डाली अपनी एक कंपनी. सिलफिली के राजेश आज करोड़पति बन चुके हैं. क्या है राजेश की सक्सेस स्टोरी पढ़िए. Story of becoming a millionaire at the age of 34
सरगुजा: सूरजपुर के छोटे से आदिवासी गांव सिलफिली के रहने वाले राजेश करोड़ों की आईटी कंपनी को अपने ही गांव में चला रहे हैं. राजेश न सिर्फ करोड़ों की टर्न ओवर वाली कंपनी खुद खड़ी की बल्कि आज कई लोगों को रोजगार भी मुहैया करा रहे हैं. गांव के गरीब किसान का बेटा आज जिस ऊंचाईयों पर पहुंचा है उसकी तारीफ पूरा गांव कर रहा है. कोरोना से पहले राजेश की कंपनी गुड़गांव में थी, कोरोना के वक्त वो कंपनी को अपने गांव सिलफिली ले आए. कंपनी जब सिलफिली से शुरु हुई तो तरक्की में चार चांद लग गए. सिलफिली के दफ्तर से अपनी कंपनी को ऑपरेटर करने वाले राजेश आईटी के ही मास्टर नहीं हैं बल्कि खेती किसानी के भी मास्टर है.
मेहनत ने बनाया कंपनी का मालिक:राजेश की बनाई कंपनी भले ही सालाना 1 करोड़ का टर्नओवर देती है पर राजेश अब भी अपनी मिट्टी से जुड़े हैं. जैसे ही उनको खाली वक्त मिलता है, वो खेती किसानी में जुट जाते हैं. राजेश 12 एकड़ की पुश्तैनी जमीन पर अपने भाई के साथ मिलकर खेती किसानी भी करते हैं.
''जो आप पढ़ाई से नहीं सीख सकते, उसे अनुभव से अपने जीवन में उतार सकते हैं.'' -राजेश
राजेश की हो चुकी है तारीफ: छत्तीसगढ़ सरकार जिस एप के जरिए स्वास्थ्य विभाग के डॉक्टरों की मॉनिटरिंग करता है, उनके कामकाज की जानकारी जुटाता है, उस एप को भी राजेश ने ही तैयार किया है. राजेश के बनाए एप की मदद से स्वास्थ्य विभाग अब डॉक्टरों की निगरानी करता है. किस जिले में कितने डॉक्टरों की जरूरत है और कितने उपलब्ध हैं, इसका डेटा भी ऑनलाइन जुटाता है. राजेश के बनाए एप की बदौलत स्वास्थ्य विभाग के काम में बदलाव आया और स्वास्थ्य सेवाओं में भी सुधार हुआ.
सरगुजा के राजेश हैं युवाओं के लिए मिसाल: राजेश आज पूरे सरगुजा के लिए मिसाल हैं. बेरोजगारी का रोना रोने वाले युवकों से राजेश कहते हैं कि ''सिर्फ पढ़ाई से कोई मुकाम हासिल नहीं किया जा सकता. सीखने के लिए कोई इंस्टीट्यूट की भी जरूरत नहीं. जरूरत है तो सिर्फ पॉजिटिव सोच की और सेल्फ लर्निंग की. दोनों चीजें आप में हैं तो आप आराम से अपनी जिंदगी को न सिर्फ आगे बढ़ा सकते हैं बल्कि कई लोगों के लिए रोजगार भी पैदा कर सकते हैं.
मेहनत से निकलता है सफलता का रास्ता: हम और आप जिस उम्र में खुद को स्थायी करने का प्लान बना रहे हैं, उस उम्र में राजेश आने वाले 5 सालों में रिटायरमेंट प्लान कर रहे हैं. राजेश की प्लानिंग है कि आने वाले पांच सालों में वो फाइनेंसियल फ्रीडम हासिल कर लें. राजेश आज जिस मुकाम पर खड़े हैं, उस मुकाम को हासिल करने में सालों की मेहनत लगी होगी.