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वेतन वृद्धि पर रोक लगाने का विरोध, जलाई गई सरकार के आदेश की प्रतियां

छत्तीसगढ़ शासन ने 1 जुलाई को मिलने वाली वेतन वृद्धि पर रोक लगा दी है. वेतन वृद्धि को बहाल कराने के लिए छत्तीसगढ़ शासकीय अधिकारी और कर्मचारी फेडरेशन लगातार प्रयास कर रहा है. इसी कड़ी में जिले में भी कर्मचारियों ने सरकार के इस फैसले का विरोध किया.

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Published : Jul 2, 2020, 2:32 AM IST

Protest against decision to ban annual increment
कर्मचारी संघ का प्रदर्शन

सूरजपुर: जिले में कर्मचारी विरोध नीति के खिलाफ और वार्षिक वेतन वृद्धि की बहाली की मांग को लेकर शासकीय कर्मचारी संघ ने 1 जुलाई को विरोध दिवस मनाया. जिसमें कर्मचारियों ने सरकार की ओर से वार्षिक वेतन वृद्धि पर रोक लगाने की विरोध किया.

कर्मचारी संघ का प्रदर्शन

सरकारी कर्मचारी के वेतन वृद्धि पर रोक लगाने का राज्य शासन ने जो फैसला लिया था, उसके खिलाफ बुधवार को कर्मचारी संघ ने तहसीलदार को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा. जिला मुख्यालय में छत्तीसगढ़ तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ के जिला संयोजक अशोक ने बताया कि 1 जुलाई को सभी ब्लॉक मुख्यालयों में कर्मचारी विरोधी नीति के खिलाफ जारी हुए आदेश की प्रति को जलाने का फैसला लिया गया था. जिसके तहत बुधवार को कर्मचारी फेडरेशन ने सरकार के आदेश की कॉपियां जलाकर अपना विरोध प्रदर्शित किया.

कोंडागांव: वार्षिक वेतन वृद्धि रोकने पर कर्मचारियों ने किया शासन का विरोध

आंदोलन की तैयारी

छत्तीसगढ़ तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ ने सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर और जिला मुख्यालय में तहसीलदार को ज्ञापन देने का फैसला लिया. मुख्य मांगों को लेकर संगठन के सदस्य 10 जून से काली पट्टी लगाकर शासकीय कार्य कर रहे हैं. संगठन का कहना है कि शासन यदि जल्द मांगों के संदर्भ में कोई फैसला नहीं लेता है तो, कर्मचारी संघ उग्र आंदोलन भी कर सकता है.

प्रदेशभर में हो रहा विरोध

बता दें कि सरकार के वार्षिक वेतन वृद्धि पर लगाए गए रोक के फैसले का पूरे प्रदेश में विरोध हो रहा है. कोंडागांव में भी जिला और तहसील मुख्यालय के अधिकारीयों ने बुधवार को शासन के आदेश की प्रतियां जलाकर इस फैसले का विरोध किया.

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