सूरजपुर: तमोर पिंगला अभयारण्य (Tamor Pingla Sanctuary) में वन विभाग ने कार्रवाई करते हुए शिकार की कोशिश करने वाले 9 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. कार्रवाई रेंजर अजय कुमार सोनी के नेतृत्व में हुई है. 9 अप्रैल को न्यायालय सूरजपुर में सभी आरोपियों को पेश किया. आरोपियों को फिलहाल जेल दाखिल किया गया है. सभी पर फंदा लगाकर शिकार करने की कोशिश का आरोप है.
मामला तमोर पिंगला वन्यजीव अभयारण्य का है. रेंजर और वन विभाग के कर्मचारियों की तत्परता से वन्य जीवों की जान बच गई है. सभी आरोपी वाड्रफनगर ब्लॉक के हैं जिन्हें 8 अप्रैल की देर रात जंगल से पकड़ा गया था.
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रेंजर को अभयारण्य क्षेत्र में मिला फंदा
आरोपियों में राम शरण, धरोवर, रामनी, कामेश्वर प्रसाद, फुलेश्वर, बाबुलाल, रामाशंकर, मनोज कुमार, शिवशरण रामसुन्दर शामिल हैं. रेंजर अजय सोनी ने बताया कि उनके सूत्रों से उन्हें जानकारी मिली थी कि कुछ लोग अभ्यारण्य क्षेत्र में हथियार और फंदे के साथ प्रवेश किए हैं. उन्हें जानकारी मिली थी कि ग्रामीण खरगोश, कोटरी, जंगली सुवर और अन्य वन्य जीवों को फसाने की कोशिश कर रहे हैं. इसके लिए उन्होंने मोरन नदी के किनारे पिंगला मुहार में फंदा लगाए है. सूचना मिलने के बाद वे अपने कर्मचारियों के साथ रात में ही उन्हें खोजने जंगल के अंदर चले गए. जहां उन्हें फंदा दिखाई दिया.
अभयारण्य में शिकार की कोशिश
वन विभाग की टीम ने फंदा जब्त कर आसपास के वन परिक्षेत्र में जांच की. इस दौरान विभाग को 9 संदिग्ध लोग मिले. सभी से कड़ाई से पूछताछ की गई. जिसके बाद सभी ने शिकार के लिए फंदा लगाने की बात स्वीकार किया है.
बता दें कि वन्य जीव (संरक्षण) अधिनियम 1972 (Wildlife Protection Act) के तहत वन्य जीवों का आखेट (शिकार) करना गंभीर अपराध की श्रेणी आता है. इन्हें विशेष संरक्षण प्राप्त है. अभ्यारण्य में इस अधिनियम के तहत पकड़े जाने से 7 वर्ष की जेल और दस हजार रूपये तक का जुर्माना या दोनों से दण्डित करने का प्रवधान भी है.