सूरजपुर: जिले के सलका गांव के रहने वाले पंकज बेक ने पुलिस कस्टडी में कथित तौर पर आत्महत्या कर ली थी. इस मामले में पुलिस जांच पर परिजन फिर से सवाल खड़े कर रहे हैं. दरअसल, एक साल पहले 21 जुलाई 2019 को पंकज बेक और उसके साथी इमरान को अंबिकापुर पुलिस चोरी के मामले में पूछताछ के लिए ले गई थी. जहां रात को अंबिकापुर कोतवाली थाने के कुछ दूरी पर पंकज बेक की फांसी पर लटकी लाश मिली.
शरीर पर कई चोट के निशान मिले थे, जिसके बाद परिजनों ने पुलिस पर हत्या का आरोप लगाया था और क्षेत्रवासी लगातार न्याय के लिए आंदोलन कर रहे थे. वहीं पूरे मामले में जांच के आदेश भी दे दिए गए हैं. ऐसे मे विभागीय जांच का जिम्मा सूरजपुर के एडिशनल एसपी को सौंपा गया. जहां गुरुवार को मृतक पंकज की पत्नी रानू बेक और मृतक के साथी इमरान को बयान के लिए बुलाया गया.
जहां पुलिस कस्टडी में हुई मौत के आरोपी और तत्कालीन प्रभारी भी वहां मौजूद थे. मृतक कि पत्नी रानू ने आरोप लगाया कि पुलिस सही तरीके से जांच नहीं कर रही है और आरोपी थाना प्रभारी विनित दुबे के द्वारा ही पूछताछ की जा रही थी. पत्नी ने आरोप लगाया है कि बयान लेने के दौरान उसे धमकाने की कोशिश की गई.
मृतक की पत्नी ने की ये मांग