सूरजपुर : भले ही मोबाइल ने हमारा जीवन काफी आसान कर दिया हो.लेकिन इसके दुष्परिणाम भी है.खासकर नौनिहालों के हाथों में मोबाइल पहुंचना सबसे ज्यादा घातक साबित हो रहा है.हम में से कई लोग अपने बच्चों को मोबाइल पकड़ाकर अपने काम में व्यस्त हो जाते हैं.लेकिन घंटों मोबाइल में चिपके रहने के कारण बच्चों की आंखें खराब हो रही हैं.मोबाइल से निकलने वाली लाइट बच्चों के रेटीना को खराब कर रही है.जिससे बच्चों की देखने की क्षमता कम हो जाती है. आगे चलकर बच्चा चश्मे का आदी हो जाता है.
By ETV Bharat Chhattisgarh Team
Published : Dec 25, 2023, 11:25 PM IST
आपका बच्चा भी मोबाइल एडिक्शन का शिकार, तो ये खबर है जरूरी ?
Mobile Addiction Dangerous मोबाइल आज हर इंसान की दैनिक जरूरत बन गई है. लेकिन टेक्नोलॉजी का सेहत पर भी बुरा असर पड़ता है. आज हर कोई मोबाइल की जद में आ चुका है.जिसके शिकार बच्चे भी हैं.बच्चों को मोबाइल देना कितना खतरनाक हो सकता है.देखिए हमारी इस खास रिपोर्ट में.
बच्चों में बढ़ रही दृष्टि बाधित की बीमारी :आंखों के डॉक्टर की माने तो हर साल बच्चों का सर्वे स्कूलों में करते हैं. जिसमें देखने को मिल रहा है कि बच्चे फास्ट फूड ज्यादा खा रहे हैं. जिसके कारण आंखों में ड्राइनेस आ रहा है. इस रोग से बचने के लिए बच्चों को आहार वाली चीजें खिलानी चाहिए. जिससे उनके आंखों की रोशनी बढ़े. वहीं मोबाइल का उपयोग कम से कम करने देना चाहिए.डॉक्टर्स शिविर के माध्यम से जागरुकता फैला रहे हैं.
मोबाइल से दूर रहने की सलाह :पूरे देश में बड़ों से लेकर बच्चे आज जहां मोबाइल का सबसे ज्यादा उपयोग कर रहे हैं. वही नेत्र रोगियों की संख्या में वृद्धि होना चिंता का विषय है.शासन प्रशासन समय समय पर कैंप लगाकर स्कूलों में बच्चों की जांच तो करता है.लेकिन बच्चों के माता पिता को भी चाहिए कि वो मोबाइल से बच्चों को दूर रखे.क्योंकि आंखें यदि कम उम्र में खराब हुईं तो आने वाले समय में बच्चा काफी तकलीफ में रहेगा.