सूरजपुर: कोरोना संक्रमण की चेन को तोड़ने के लिए देशभर में पिछले 25 मार्च से लॉकडाउन है, जिसके कारण जरूरी सेवाओं को छोड़कर अन्य सभी दुकानें बंद हैं. इस कारण कई दुकानदारों को आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है.
लॉकडाउन ने छीना मजदूरों से रोजगार शासन की ओर से जरूरतमंद और गरीब परिवार की मदद के लिए व्यवस्था की गई है, जिससे कुछ हद तक लोगों को राहत भी मिली है, लेकिन रोजमर्रा की जरूरतें पूरा करने के लिए यह पर्याप्त नहीं है, इसलिए लोग मन मारकर मजबूरी में दूसरा काम कर रहे हैं.
नए व्यापार में उठाना पड़ रहा है नुकसान
राम सिंह ने बताया कि लॉकडाउन के पहले वह सड़क किनारे फुलकी का दुकान लगाते थे, लेकिन लॉकडाउन की वजह से इसे बंद करना पड़ गया. उसने बताया कि लंबे समय से दुकान बंद होने की वजह से जमा पैसे भी खत्म हो गए हैं, इसलिए उसे अब परिवार के पालन-पोषण के लिए सब्जी बेचने का काम करना पड़ रहा है. उसने बताया कि सब्जी के कारोबार की जानकारी नहीं होने की वजह से कई बार उसे नुकसान भी उठाना पड़ता है.
सब्जी बेचने वालों की बढ़ी संख्या
लॉकडाउन के दौरान सब्जियां बेचने के लिए मिली छूट के चलते इस धंधे से सैकड़ों नए कारोबारी जुड़ गए हैं. इनमें फास्ट फूड, फल, चाट के अलावा ऑटो वाले तक शामिल हैं. इन्होंने पुराना कारोबार छोड़ अस्थायी रूप से सब्जी बेचने का नया धंधा अपना लिया है. आलम यह है कि सब्जी खरीदारों से ज्यादा संख्या सब्जी बेचने वालों की हो गई है.