सूरजपुर : बीजेपी के शासनकाल में 8 साल पहले सूरजपुर के अस्तित्व में आने के बाद से ही बीजेपी और कांग्रेस का सियासी समीकरण कुछ ठीक नहीं रहा है. तीन विधानसभा सीटों वाले सूरजपुर जिले में बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही दलों के भीतर उठापटक होती रहती है, लेकिन बीजेपी को शिकस्त दिलाने में हमेशा ही कांग्रेस से ज्यादा बीजेपी की अपनी ही गुटबाजी परेशान रही. हालात तब भी नहीं बदली थी जब प्रदेश में बीजेपी सत्ता में थी और अब भी नहीं बदली है जब पार्टी विपक्ष में है.
दरअसल सूरजपुर में विधानसभा चुनाव में सत्ता से हाथ धो बैठी बीजेपी ने जिला अध्यक्ष के रूप में बाबूलाल गोयल को कमान सौंप थी, जिसके बाद नई कार्यकारिणी का गठन किया गया. जिला कार्यकारिणी गठन के बाद अब कार्यकर्ता नाखुश नजर आ रहे हैं और इसक मुद्दे पर पार्टी दफ्तर से लेकर सोशल मीडिया में भी नई कार्यकारिणी चर्चा का विषय बनी हुई है.