सूरजपुर: जिले में एक बार फिर ईटीवी भारत की खबर का असर हुआ है. जिला कोविड अस्पताल में डॉक्टरों और नर्सिंग स्टाफ की कमी को देखते हुए प्रशासन ने यहां डॉक्टरों और नर्सिंग स्टाफ की संख्या बढ़ाई है.
सूरजपुर कोविड अस्पताल में डॉक्टरों और नर्सिंग स्टाफ की बढ़ाई गई संख्या ईटीवी भारत की खबर का असर
सूरजपुर जिले में कोरोना की रफ्तार बेकाबू हो गई है. रोजाना लगभग 500 कोरोना पॉजिटिव लोगों की पहचान हो रही है. जिले में मौत का आंकड़ा भी 100 के पार पहुंच चुका है. ताजा मामला सूरजपुर के कोविड अस्पताल का है. जहां एक महिला सहित तीन लोगों की जान चली गई थी. मृतकों के परिजनों ने इलाज पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया था. अस्पताल में डॉक्टरों और स्टाफ की कमी को देखते हुए प्रशासन ने दो डॉक्टरों की जगह चार डॉक्टरों की 24 घंटे ड्यूटी लगाई है. साथ हॉस्पिटल में दो नर्सिंग स्टाफ की जगह अब चार नर्सिंग स्टाफ रहेंगे. अस्पताल में प्यून और स्वीपर की भी संख्या बढ़ा दी गई है. जहां पहले कुल 8 कर्मचारी थे. अब 20 कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है.
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बढ़ रहा है कोरोना का संक्रमण
अब सरकार के नुमाइंदे भी जिला अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगा रहे हैं. वहीं जिला अस्पताल प्रबंधन इन आरोपों से इनकार कर रहा था. सूरजपुर में कोरोना का संक्रमण थमने का नाम नहीं ले रहा है. जिसको देखते हुए जिले में पिछले 13 अप्रेल से 5 मई तक सम्पूर्ण लॉकडाउन लगाया गया है, साथ ही सर्वसुविधा युक्त 100 बिस्तर के साथ ही कई कोविड केयर सेंटर बनाए गए हैं. बावजूद इसके जिले में ना तो पॉजटिव मामलो की संख्या में गिरवाट आ रही है और ना ही मौत का आंकड़ा कम हो रहा है. मरीजों के परिजन लगातार अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगा रहे हैं.
लापरवाही के लेकर परिजनों में आक्रोश
जिला अस्पताल में उपलब्ध एम्बुलेंस में ऑक्सीजन नहीं है. मरीज को जरूरत पड़ने पर ऑक्सीजन नहीं मिल पा रही है. गुरुवार को तीन मरीज एम्बुलेंस में ऑक्सीजन नहीं होने की वजह से जिंदगी की जंग हार गए. जिसको लेकर परिजनों में मातम और आक्रोश है. वहीं अब सरकार में बैठे प्रतिनिधि भी कोविड अस्पताल के लापरवाही की बात मान रहे हैं, उनके अनुसार सरकार में बैठे लोग सुनने वाले नहीं है. ऐसे में आम लोगों की स्थिति का अंजादा आसानी से लगाया जा सकता है. उनका आरोप है की इस अस्पताल में इलाज नहीं हो रहा है बल्कि आम लोगों की जान लेने की रणनीति बनाई जा रही है.