सूरजपुर : लगभग 36 दिनों तक बलरामपुर जिले के अलग-अलग वन परिक्षेत्र में उत्पात मचाने के बाद आखिरकार 29 हाथियों का दल सूरजपुर जिले के प्रतापपुर वन परिक्षेत्र पहुंच गया (Elephants terror in Surajpur ) है. इस दल में कुल 29 हाथी हैं. जिसमें 10 छोटे हाथी, 10 मादा और 9 नर हैं. जिसको लेकर प्रतापपुर वन परिक्षेत्र के हाथी बचाव दल सहित सभी अधिकारी और कर्मचारी सतर्क हो गए हैं. ग्रामीणों को हाथी से दूर रहने की समझाइश दी रही है.
Elephants terror in surajpur : हाथी दल का उत्पात, बलरामपुर से आए 29 हाथी - Surajpur pratappur forest area
Elephants terror in surajpur सूरजपुर में इन दिनों ग्रामीण हाथियों की दहशत में जीने को मजबूर हैं. यहां के प्रतापपुर वन परिक्षेत्र में हाथियों की आमद हो चुकी है. इस हाथी दल में नर और मादा दोनों है.जिसके कारण अब ग्रामीणों को उनकी फसल और जान दोनों की चिंता सता रही है.
हाथियों का गढ़ रहा है सूरजपुर : हम आपको बता दें प्रतापपुर क्षेत्र (Surajpur pratappur forest area ) से 29 हाथियों का दल 36 दिन बलरामपुर जिले के पहले करवा, गोपालपुर, माकड़ जंगल होते हुए राजपुर वन परिक्षेत्र के अलखडीहा के कटाई पारा क्षेत्र में पहुंचा था. जहां 120 किसानों के धान और मक्के की 210 हेक्टेयर फसल को रौंद दिया था. शुक्रवार को हाथी दल प्रतापपुर पहुंचा. सूरजपुर जिला सदियों से हाथियों का गढ़ रहा है. जहां हाथी इंसानों की जान लेता आ रहा है. वही इंसान अपने फायदे के लिए हाथियों की जान लेते हैं. वहीं वन विभाग मुआवजा बांटने के सिवा और कोई तरकीब नहीं निकाल पा रहा है.
वन विभाग है विफल :वन विभाग हाथी और इंसानों के बीच दूरी बनाने के लिए कई प्रयोग किए लेकिन सब विफल रहा प्रशासन को चाहिए कि हाथियों और इंसान के बीच दूरी बनाने का कोई अच्छा विकल्प निकालें ताकि इंसानों की जान ना पाए. हाथियों और इंसानों के बीच द्वंद का एक और कारण सिमटते जंगल को भी माना जाता है. अगर जंगल ही नहीं रहेंगे तो जंगली जानवर शहर की ओर ही रुख करेंगे.