Dilapidated School In Surajpur: सूरजपुर के केवरा में स्कूल की छत जर्जर, खुले आसमान के नीचे पढ़ने को मजबूर बच्चे
Dilapidated School In Surajpur: सूरजपुर में खुले आसमान के नीचे बच्चे पढ़ने को मजबूर हैं. यहां स्कूल की छत का बड़ा हिस्सा टूटकर गिर गया है. बच्चों को स्कूल के शिक्षक स्कूल के बाहर खुले आसमान के नीचे पढ़ा रहे हैं. सबसे हैरानी वाली बात है कि यह हाल उस इलाके का है. जिस इलाके से छत्तीसगढ़ के शिक्षा मंत्री आते हैं.
खुले आसमान के नीचे पढ़ रहे बच्चे
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Published : Jul 8, 2023, 6:59 PM IST
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Updated : Jul 8, 2023, 7:09 PM IST
केवरा में स्कूल की छत जर्ज
सूरजपुर: हाल ही में सूरजपुर में स्कूल के छत का प्लास्टर गिरने के बाद बच्चों में खौफ की खबर ईटीवी भारत ने प्रकाशित की थी. अब उसी क्षेत्र के एक अन्य स्कूल में भी शाला के छत का बड़ा हिस्सा टूटकर गिरने के बाद बच्चों को स्कूल के बाहर पढ़ाया जा रहा है. बता दें कि 26 जून से नए शिक्षा सत्र के साथ सभी स्कूल खुल गए हैं. इसके साथ ही सभी स्कूलों में पढ़ाई भी शुरू कर दी गई है. इस बीच जर्जर स्कूल भवन में भी शिक्षक मजबूरन बच्चों के पढ़ा रहे हैं.
स्कूल के छत का बड़ा हिस्सा गिर गया:दरअसल, हम बात कर रहे हैं सूरजपुर के केवरा गांव के गदेडिहाडीह प्राथमिक शाला की. यहां शाला के छत का बड़ा हिस्सा टूटकर गिर गया. छत का हिस्सा गिरने से बच्चों में खौफ है. स्कूल के शिक्षक बच्चों को स्कूल के बाहर पढ़ा रहे हैं. ताकि बच्चों की शिक्षा पर कोई असर न पड़े.
स्कूल की इमारत का हिस्सा टूट-टूटकर गिर रहा है. बच्चों को कुछ हो न जाए इसलिए बाहर पढ़ा रहे हैं. बारिश में इनकी शिक्षा बाधित हो जाती है. स्कूल भवन निर्माण को लेकर बातचीत की गई है. हालांकि अब तक स्कूल भवन की मरम्मत नहीं हो पाई है. -दुर्गा सिंह, सहायक अध्यापक
खौफ में स्कूल के बच्चे:शिक्षकों की मानें तो स्कूल भवन निर्माण के लिए अधिकारियों से बात की गई है, लेकिन अब तक इस पर कोई काम शुरू नहीं किया जा सका है. मजबूरन बच्चों को खुले आसमान के नीचे पढ़ाना पड़ रहा है. वहीं, बच्चों में एक खौफ है. बच्चों का कहना है कि उन्हें जर्जर स्कूल भवन में पढ़ने से डर लगता है. यहां या तो बारिश का पानी भर जाता है. या फिर छत का प्लास्टर गिरता रहता है.
शिक्षा मंत्री के क्षेत्र में पड़ता है ये स्कूल: ये स्कूल शिक्षा मंत्री के क्षेत्र में पड़ता है. शिक्षा मंत्री ने हाल ही में एक बयान दिया था, जिसमें उन्होंने स्कूल की मरम्मत के बाद स्कूल में पढ़ाई शुरू होने की बात कही थी. लेकिन स्कूल के इस दृश्य को देखकर शिक्षा मंत्री के बयान का कोई अर्थ ही नहीं रह जाता.