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किसान बिल को लेकर छत्तीसगढ़ का सबसे बड़ा विरोध प्रदर्शन - सूरजपुर न्यूज

सूरजपुर के प्रतापपुर में किसान बिल के विरोध में कांग्रेस ने अबतक का सबसे बड़ा प्रदर्शन किया, 107 ट्रैक्टरों के साथ 20 किलोमीटर लंबी रैली निकाली गई.

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किसान बिल को लेकर छत्तीसगढ़ का सबसे बड़ा विरोध प्रदर्शन

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Published : Oct 10, 2020, 11:09 AM IST

Updated : Oct 10, 2020, 11:29 AM IST

सूरजपुर : प्रतापपुर में 107 ट्रैक्टरों और 20 किलोमीटर लंबी रैली के साथ केंद्र सरकार के किसान बिल का विरोध किया गया. जो छत्तीसगढ़ में अब तक का सबसे बड़ा विरोध प्रदर्शन है. कांग्रेस के ब्लॉक अध्यक्ष कुमार सिंह देव के नेतृत्व में निकाली गई रैली में जनप्रतिनिधि स्वयं ट्रैक्टर चलाते नजर आए. शक्कर कारखाना केरता से शुरू हुई रैली SDM कार्यालय प्रतापपुर में आकर खत्म हुई. जहां बिल वापस लेने की मांग को लेकर राष्ट्रपति के नाम नायब तहसीलदार ऋतुराज सिंह को ज्ञापन सौंपा.

किसान बिल के विरोध में ट्रैक्टर रैली

केंद्र सरकार पर आरोप

राज्यपाल के नाम सौंपा ज्ञापन

ज्ञापन के माध्यम से अध्यक्ष कुमार सिंह देव ने बताया कि बिल का विरोध केवल कांग्रेस ही नहीं वरन देश के किसान, खेत मजदूर, मंडी के आढ़ती, मंडी मजदूर, मुनीम, कर्मचारी, ट्रांसपोर्टर व लाखों करोड़ों लोग कर रहे हैं. इस बिल से अनाज मंडी-सब्जी मंडी यानि APMC को खत्म करने से कृषि उपज खरीद व्यवस्था पूरी तरह नष्ट हो जाएगी. ऐसे में किसानों को न तो न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) मिलेगा और न ही बाजार भाव के अनुसार फसल की कीमत मिलेगी. उन्होंने केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि बिहार में साल 2006 में APMC ACT यानि अनाज मंडियों को खत्म कर दिया गया. जिस वजह से बिहार के किसान की हालत बद से बदतर है. किसान की फसल को दलाल औने-पौने दामों पर खरीदकर दूसरे प्रांतों की मंडियों में मुनाफा कमा रहे हैं. अगर पूरे देश की कृषि उपज मंडी व्यवस्था ही खत्म हो गई, तो इससे सबसे बड़ा नुकसान किसान-खेत मजदूर को होगा और सबसे बड़ा फायदा मुट्ठी भर पूंजीपतियों को होगा.

कुमार सिंह देव ने कहा कि संघीय ढांचे का उल्लंघन कर, संविधान को रौंदकर, संसदीय प्रणाली को दरकिनार कर तथा बहुमत के आधार पर बाहुबली मोदी सरकार ने संसद के अंदर तीन काले कानूनों को जबरन और बगैर किसी चर्चा के पारित कर लिया है. यहां तक कि राज्यसभा में हर संसदीय प्रणाली व प्रजातंत्र को तार-तार कर ये काले कानून पारित किए गए.

पढ़ें:रायपुर: कृषि कानून के विरोध में 10 अक्टूबर को कांग्रेस का प्रदेश स्तरीय वर्चुअल किसान सम्मेलन

बिल वापस लेने की मांग

किसान बिल के विरोध में ट्रैक्टर रैली

उन्होंने राज्यपाल के नाम दिए ज्ञापन में किसानों के हित में बिल को वापस लेने की मांग की, साथ ही कहा कि अगर मोदी सरकार बिल वापस नहीं लेती है तो आंदोलन और तेज किया जाएगा. रैली के दौरान कुमार सिंह देव के साथ अन्य जनप्रतिनिधि ट्रैक्टर चलाते नजर आए. इस दौरान किसान मोर्चा के जिलाध्यक्ष विद्यासागर सिंह, सहकारिता मंत्री प्रतिनिधि जितेंद्र दुबे, ब्लॉक उपाध्यक्ष बनवारी लाल गुप्ता, सतीश चौबे, जिला पंचायत सदस्य मंजू मिंज, नगर पंचायत जरही अध्यक्ष बीजू दासन, शिवभजन मरावी, मंत्री प्रतिनिधि अवधेश सिंह, जरही प्रतिनिधि रवि सिंह, पार्षद शंकर कश्यप, एल्डरमेन बलबीर यादव, मनोज सिंह, भारत पैंकरा, तुलेश्वर केहरी, बाबुलाल सिंह सहित अन्य लोग उपस्थित रहे.

जनप्रतिनिधियों ने कहा काला बिल, वापस ले सरकार

विरोध प्रदर्शन के दौरान उपस्थित किसान मोर्चा के जिलाध्यक्ष विद्यासागर सिंह,सहकारिता मंत्री प्रतिनिधि जितेंद्र दुबे,ब्लॉक उपाध्यक्ष बनवारी लाल गुप्ता,सतीश चौबे,शिवभजन मरावी ने केंद्र सरकार के इस बिल को काला बिल बताते हुए वापस लेने की मांग की।उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने देश के किसान खेत और खलिहान के खिलाफ एक घिनौना षडयंत्र किया है. केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि अध्यादेश के माध्यम से किसान को ठेका प्रथा में फंसाकर उसे अपनी ही जमीन में मजदूर बना दिया जाएगा.

केंद्र सरकार ने हाल ही में एक किसान बिल लाया है, जिसे किसानों के खिलाफ और उद्योगपतियों के पक्ष में बताते हुए कांग्रेस ने विरोध करना शुरू कर दिया है, इसे वापस लेने की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन भी किये जा रहे हैं.

Last Updated : Oct 10, 2020, 11:29 AM IST

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