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सीएम भूपेश बघेल ने दी विकास कार्यों की सौगात, कहा-'सूरज की तरह ही चमके सूरजपुर' - राम वन गमन पथ

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपने दो दिवसीय सूरजपुर दौरे के दौरान विकास कार्यों की सौगात दी. उन्होंने राम वन गमन पथ की पर्यटन यात्रा और बाइक रैली को हरी झंडी दिखाकर रवाना भी किया.

Chief Minister Bhupesh Baghel visits Surajpur
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सूरजपुर दौरा

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Published : Dec 15, 2020, 9:02 PM IST

सूरजपुर: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सोमवार को 304 करोड़ रुपए के विभिन्न विकास और निर्माण कार्यों का लोकार्पण और भूमि पूजन किया. मंगलवार को सीएम भूपेश बघेल अपने तय कार्यक्रम से हटकर कई कार्यक्रमों में शिरकत करते नजर आए. छत्तीसगढ़ में राम वन गमन पथ पर्यटन यात्रा की रथ कोरिया से निकाली गई, जो सूरजपुर पहुंची.

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का सूरजपुर दौरा

सीएम ने बाइक रैली को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. उन्होंने राम मंदिर में पूजा-अर्चना भी की. सीएम ने नवीन हाईटेक बस स्टैंड के लोकार्पण कार्यक्रम में शिरकत किया. सीएम ने बस स्टैंड का लोकार्पण कर नगर पालिका के 7 इकाइयों को पट्टा वितरण किया. सीएम भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ के पारंपरिक व्यंजन केंद्र गढ़कलेवा का उद्घाटन किया. इसके साथ ही गढ़कलेवा परिसर में छत्तीसगढ़ी व्यंजनों का लुत्फ भी उठाया.

पढ़ें : कृषि कानून का विरोध क्यों कर रही है छत्तीसगढ़ सरकार, सीएम भूपेश ने बताई ये 3 वजह

सीएम ने की लोगों से मुलाकात

सीएम ने समाज प्रमुख और आम लोगों से मुलाकात की. मुख्यमंत्री के दौरे में प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव, मंत्री शिव डहरिया, उच्च शिक्षा मंत्री उमेश पटेल, शिक्षा मंत्री प्रेमसाय सिंह मौजूद रहे. सीएम ने सोमवार को जिले में 305 करोड़ से ज्यादा के विकास कार्यों का शुभारंभ किया. इनमें 131 करोड़ रुपए के 213 कार्यों का भूमि पूजन शामिल है. 172 करोड़ रुपए की लागत के 78 कार्यों का लोकार्पण भी किया.

सीएम ने गिनाईं कृषि कानून की कमियां

  • निजी क्षेत्र में मंडियां खोली जाएगी. इसकी वजह से मंडियों की व्यवस्था धीरे-धीरे ध्वस्त हो जाएगी. बिहार की तरह हालत हो जाएगी. बिहार में आज किसान 1000 रुपए प्रति क्विंटल पर धान बेचने के लिए मजबूर हैं. समर्थन मूल्य पर भविष्य में खरीदी नहीं होगी.
  • कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग का किसान विरोध कर रहे हैं. इससे किसान अपने ही खेत में ही मजदूर हो जाएंगे.
  • आवश्यक वस्तु अधिनियम का विरोध इसलिए किया जा रहा है क्योंकि इससे जमाखोरी बढ़ेगी. कानून बनते ही आलू-प्याज की कीमत आसमान छू रही है. पहले आलू-प्याज की कीमत 10-20 रुपए प्रति किलो थी. अब आलू-प्याज की कीमत 50-60 रुपए से लेकर डेढ़ सौ रुपए प्रति किलो तक हो गई है

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