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SPECIAL: गांववालों की हिम्मत से हारे नक्सली, छोड़ना पड़ा गांव

सूरजपुर जिले से 120 किलोमीटर दूर जजावल गांव और लेवल ग्राम पंचायत कभी लाल आतंक के लिए जानी जाती थी. यहां रहने वाले लोग नक्सलियों के आतंक से परेशान थे लेकिन उन्होंने अपनी सुबह खुद तलाश ली. गांववालों ने पुलिस और सुरक्षाबलों की मदद से गांव को नक्सलमुक्त कर लिया.

chhattisgarh village is Naxalite liberated in surajpur
ये है छत्तीसगढ़ का नक्सल मुक्त गांव

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Published : Mar 4, 2020, 3:37 PM IST

Updated : Mar 15, 2020, 8:07 AM IST

सूरजपुर:छत्तीसगढ़ जितना खूबसूरत प्रदेश है, उतना ही नक्सलियों के आतंक का शिकार भी. हमेशा से कहा जाता है कि पुलिस और नक्सलियों के बीच नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में रहने वाले ग्रामीण पिसते हैं. सूरजपुर जिले से 120 किलोमीटर दूर जजावल गांव और लेवल ग्राम पंचायत कभी लाल आतंक के लिए जानी जाती थी. यहां रहने वाले लोग नक्सलियों के आतंक से परेशान थे लेकिन उन्होंने अपनी सुबह खुद तलाश ली.

ये है छत्तीसगढ़ का 'नक्सल मुक्त गांव'

नहीं मिलता था सरकारी योजना का लाभ

8 साल पहले जजावल गांव में नक्सलियों का डेरा हुआ करता था. वहीं लेवल ग्राम पहाड़ियों और जंगलों से घिरे होने की वजह से नक्सलियों का पसंदीदा ठिकाना थी. यहां रहने वाले लोगों को न सरकारी योजना का लाभ मिलता और न ही वे अपनी मर्जी से कोई काम कर पाते थे. नक्सलियों का डर इतना था कि शाम होने के बाद लोग अपने घरों से निकलने में डरते थे.

पुलिस जवान भी करते थे परेशान

सैकड़ों की संख्या में नक्सली इस गांव में आते थे और ग्रामीणों के घर में आकर जबरन खाना बनवाते थे. गांववालों के इनकार करने पर नक्सली उनकी जान लेते थे, जिसके डर से ग्रामीणों ने मजबूरन उनका साथ देना शुरू किया. इधर नक्सलियों का साथ देने पर पुलिस भी स्थानीय निवासियों से सवाल-जवाब करती, जिसकी वजह से वे दोनों के बीच में पिसने लगे.

CRPF की टीम ने की मदद

थर-हार कर गांववालों ने तत्कालीन सूरजपुर एसपी को पत्र भी लिखा. लेकिन कोई सार्थक पहल नहीं हुई. इसके बाद ग्रामीणों ने मिलकर आईजी सरगुजा को ज्ञापन सौंपा. आईजी ने मामले की गंभीरता को देखते हुए एक पुलिस चौकी सजावल में बनाई लेकिन कुछ दिनों बाद ही नक्सलियों ने चौकी को ही बम से उड़ा दिया. जिससे कई पुलिस के जवान घायल हो गए. जिसके बाद आईजी ने गांव में सीआरपीएफ की टीम को तैनात किया, तब जाकर ग्रामीणों कुछ राहत मिली. हालांकि फिर भी नक्सली बाज नहीं आ रहे थे.

'नक्सली भगाओ अभियान'

नक्सलियों के हरकतें इतनी ज्यादा बढ़ गई थी कि आईजी ने जंगल में सीआरपीएफ की टीम को तैनात कर दिया. जिसके बाद ग्रामीणों को कुछ राहत की सांस मिली. ग्रामीणों ने इस समस्या से निजात पाने के लिए रैली निकाली. उस समय के सरपंच ने करो या मरो का नारा लगाया और पुलिस और सीआरपीएफ की सहायता से नक्सली भगाओ अभियान चलाया.

गांव की महिलाएं, बुजुर्ग और बच्चों ने घर में रखे हथियार लेकर रैली निकाली. जिसके बाद कई मुश्किलें आईं लेकिन गांव नक्सलियों को छोड़ना पड़ा. अब छत्तीसगढ़ का यह गांव नक्सल मुक्त हो गया है. साथ ही CRPF की टीम को भी तैनात कर दिया गया.

नक्सल मुक्त हुआ छत्तीसगढ़ का ये गांव

अब यह गांव नक्सल मुक्त हो गया है. यहां सीआरपीएफ की टीम तैनात की गई थी, जो अब हटा ली गई है. हालांकि पुलिस चौकी मौजूद है. सरकारी योजनाओं का लाभ भी गांववालों को मिलने लगा है. इस गांव ने खौफ के अंधेरे में राहत की सुबह खुद तलाशी है.

Last Updated : Mar 15, 2020, 8:07 AM IST

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