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SPECIAL: पढ़ाई की ऐसी ललक की दिव्यांगता भी नहीं रोक पाई रास्ता - पढ़ाई के प्रति जज्बा

जिले के लांची प्राथमिक शाला में पढ़ने वाले छात्र चंद्रभान का शरीर लकवा से प्रभावित है. लेकिन चंद्रभान के पढ़ाई के प्रति जज्बे और कोशिशों का नतीजा है कि वह पैरों से लिख लेता है.

Chandrabhan of surajpur writes with his feet
चंद्रभान के जज्बे को सलाम

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Published : Feb 29, 2020, 4:08 PM IST

Updated : Feb 29, 2020, 7:56 PM IST

सूरजपुर : कहते कुछ कर गुजरने का जज्बा हो तो कोई बाधा आप का रास्ता नहीं रोक सकती. इस बात को सच साबित किया है. सूरजपुर जिले के लांची प्राथमिक शाला में पढ़ने वाले चंद्रभान ने.दरअसल, दूसरी क्लास में पढ़ने वाला चंद्रभान दिव्यांग है. उसका शरीर लकवा से प्रभावित है. लेकिन हौसला ऐसा और पढ़ने की ललक ऐसी कि वह अपने पैरों की उंगलियों से लिखना सीख रहा है.उसके इस जज्बे को देखकर स्कूल के शिक्षक उसकी मदद और हौसलाअफजाई करते हैं.

चंद्रभान के जज्बे को सलाम

चंद्रभान दिमागी रूप से भी थोड़ा कमजोर है. जिसकी वजह से स्कूल में उसके एडमिशन को लेकर समस्या आ रही थी. लेकिन चंद्रभान की पढ़ाई के प्रति जिज्ञासा कुछ ऐसी थी कि वह बार-बार बैग लेकर स्कूल पहुंच जाता था.

छात्र चंद्रभान

जिसके बाद शिक्षकों ने उसे स्कूल में बैठने की इजाजत दे दी. पढ़ाई के प्रति उसकी लगन को देखकर सभी टीचर उसके मुरीद हो गए हैं. चंद्रभान की कोशिशों का नतीजा है कि वह पैरों से लिख लेता है.

पैर से लिखने की कोशिश करता चंद्रभान

विशेष स्कूल में दाखिले की कवायद

शिक्षकों का कहना है कि चंद्रभान का दाखिला यदि किसी अच्छे मूक बधिर स्कूल में करा दिया जाए तो छात्र को एक अच्छा प्लेटफॉर्म मिल सकता है.

'चंद्रभान जिले का गौरव'

जिला शिक्षा अधिकारी भी उसे विशेष स्कूल में दाखिला दिलाने की बात कह रहे हैं. उन्होंने कहा कि चंद्रभान जिले का गौरव है. हम उसे सम्मानित कर एक अच्छे स्कूल में भेजेंगे ताकि वह अच्छा और सफल व्यक्ति बन सके.

हौसले ने दी नई पहचान

चंद्रभान उन लोगों के लिए मिसाल है जो दिव्यांग बच्चों को पढ़ाना नहीं चाहते. ऐसे में समाज और शिक्षा जगत के लोगों को जरूरत है कि वह ऐसे दिव्यांग बच्चों की हिम्मत बढ़ाए ताकि वह शिक्षा पाकर अपना जीवन संवार सके.

Last Updated : Feb 29, 2020, 7:56 PM IST

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