सूरजपुर: लॉकडाउन की वजह से बसों के पहिए थमे हुए हैं. 56 दिन के इस लॉकडाउन के कारण अब बस मालिक और इस व्यवसाय से जुड़े कर्मचारियों और उनके परिवार के सामने आर्थिक और मानसिक परेशानी आ रही है. टैक्स माफी समेत विभिन्न मांगों को लेकर बस मालिक संघ के प्रतिनिधि मंडल ने विधायकों से मुलाकात कर मंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा था.
सूरजपुर बस मालिक संघ का कहना है कि 'संभाग में हजार बसों का संचालन होता है. प्रत्येक बस में बस संचालक, ड्राइवर, कंडक्टर, हेल्पर, बुकिंग एजेंट से लेकर टिकट अभिकर्ता समेत कई लोगों के परिवार की आजीविका का साधन इस व्यवसाय से होता है, लेकिन 56 दिन से जारी लॉकडाउन की वजह से बसें खड़ी हैं, जिसके कारण व्यवसाय भी ठप पड़ा है. जिससे इन परिवारों के सामने बड़ी समस्या आ गई है.
आर्थिक संकट से जूझ रहे बस मालिक
बस व्यवसाय से जुड़े ट्रैवल्स संचालक मुकेश शर्मा बताते हैं कि 'लगभग डेढ़ महीने से ज्यादा वक्त से बसों का परिचालन बंद हो गया है. इस दौरान बेहद गंभीर स्थिति निर्मित हो गई है. टैक्स के किस्तों और बैंकों से लिए कर्ज के लिए लगातार फोन आ रहे हैं. इसके लिए सरकार की तरफ से कोई मदद नहीं मिली है. वहीं स्टाफ और बस मालिकों के सामने आर्थिक संकट पैदा हो गया है.
सरकार से की गईं ये मांगें
- सभी बस संचालकों को 30 सितंबर 2020 तक का टैक्स माफ किया जाए.
- बसों की बीमा की अवधि 6 महीने बढ़ा दी जाए.
- बैंक और फाइनेंस कंपनी की सभी किस्तों को छह महीने आगे बढ़ा दिया जाए और किसी तरह का ब्याज न लिया जाए.
- बसों के संचालन शुरू होने की तारीख से 1 साल तक टोल टैक्स की छूट दी जाए.