सूरजपुर:छत्तीसगढ़ में कोरोना की दूसरी लहर में हालत बदतर हो गई है. ऐसे में सरकार की ओर से लगाए गए लॉकडाउन की वजह से ऑटो चालकों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव को लेकर लगे लॉकडाउन (lockdown) में ऑटो रिक्शा चालकों (auto rickshaw drivers) पर भी आफत आ गई है. रोज कमाने-खाने वाले आटो चालकों के लिए आर्थिक संकट को बढ़ा दिया है. जिनका दर्द सुनने वाला जिले में कोई नहीं है.
जिले में 13 अप्रैल से लॉकडाउन जारी
सूरजपुर जिले में 13 अप्रैल से लॉकडाउन जारी है. लॉकडाउन के चलते इन ऑटो रिक्शा चालकों के वाहनों के पहिये थम गए हैं. बीते एक साल से कोरोना के कहर के कारण जहां लंबा अरसा लॉकडाउन और बसों के संचालन की पाबंदी पर सवारियों के अभाव में गुजार दिए. वहीं एक बार फिर लॉकडाउन ने इनकी आर्थिक कमर को ही तोड़ डाला है. जिसे इनकी छलकती आंखों के दर्द बयां कर रहे हैं.
घर चलाना हुआ मुश्किल
सूरजपुर जैसे छोटे से जिले मे भी कोरोना संक्रमण के दूसरे लहर में रोजाना कोरोना सक्रमित मरीजों मे इजाफा हो रहा है. जिसे लेकर 13 अप्रेल से जिले को कंटेनमेंट जोन बनाकर लॉकडाउन कर दिया गया है. अति आवश्यक सेवाओं को छोड़कर सभी सेवाए बंद हैं. ऐसे मे शहर के दो दर्जन ऑटो चालकों के रिक्शों के पहिए भी थम चुके हैं. रोज कमाने-खाने वाले इन ऑटो चालकों के सामने पिछले एक साल से आर्थिक संकटों का सामना करना पड़ रहा है.