सूरजपुरः प्रधानमंत्री द्वारा तीन कृषि कानून बिल को वापस (Prime Minister withdraws three agriculture law bills) लेने के बाद जहां एक ओर कांग्रेस (Congress) आक्रामक हो गई है. तो वहीं, भाजपा (BJP) बैकफुट पर दिख रही है. दरअसल, किसान कानून बिल वापस (farmers law bill back) होने के बाद कांग्रेस के किसान प्रदेश महासचिव विमलेश दत्त तिवारी (Farmer State General Secretary Vimlesh Dutt Tiwari) ने इसे किसान और भारत के जनता की जीत करार (victory of the people of india)दिया है. तो वहीं केंद्रीय राज्य मंत्री रेणुका सिंह (Union Minister of State Renuka Singh)इसे किसी हार जीत के रूप में ना लेते हुए किसानों के पक्ष (favor of farmers) में किया गया फैसला मान रही हैं.
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मुद्दे पर राजनीति जारी
रेणुका सिंह के अनुसार विपक्ष के लोग किसानों के नाम पर राजनीति कर रहे हैं. साथ ही किसानों को बरगलाने का प्रयास कर रहे हैं,, यही वजह है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसानों से माफी मांगते हुए इस बिल को वापस लेने का फैसला लिया है.
भाजपा को मिल सकता है बड़ा फायदा
इसके इतर, कांग्रेस पूरे मामले को भाजपा के अहंकार के हार के रूप में देख रही है. कांग्रेस के अनुसार यह बिल किसान विरोधी था और इसे वापस होना ही था. किसान बिल वापस होने के ऐलान के बाद अब राजनीति गरमा गई है. अब कांग्रेस और भाजपा में आरोप-प्रत्यारोप का दौर चल रहा है. कई इस फैसले को यूपी के साथ अन्य राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव से जोड़कर देख रहे हैं. ऐसे में इस बिल का असर छत्तीसगढ़ के सियासत पर क्या पड़ने वाला है ये तो आने वाला वक्त ही बतायेगा. लेकिन हर कोई पीएम के इस फैसले से हैरान जरूर है.