सूरजपुर: कोरोनाकाल में शिक्षण संस्थान बंद है, लेकिन जिले में शिक्षा को व्यवसाय बना चुके निजी स्कूल के साथ-साथ अब सरकारी स्कूल प्रबंधन भी शासन के नियमों के खिलाफ छात्रों से फीस वसूली कर रहा है. ETV भारत ने इस खबर को प्रमुख्ता से दिखाया था जिसका बड़ा असर हुआ है. मामले में संज्ञान लेते हुए जिला पंचायत CEO ने प्रिंसिपल को जमकर फटकार लगाते हुए, बच्चों को उनसे ली गई राशि वापस करने के निर्देश दिए गए हैं.
फीस के नाम पर अवैध वसूली करने वाले प्रिंसिपल पर कार्रवाई शिकायत मिला थी कि जिले के निजी और शासकीय स्कूलों में बच्चों से एडमिशन फीस के नाम पर 700 से 800 रुपए वसूले जा रहे हैं. जबकि शासन की ओर से एडमिशन फीस के रूप में सिर्फ 60 रुपये लेने को कहा गया है. ETV भारत पर खबर दिखाने के बाद जिला पंचायत सीईओ ने तुरंत एक्शन लेते हुए सूरजपुर DEO को जांच करने के आदेश दिए थे.
जांच के दौरान फीस वसूली की बात सही पाए जाने पर प्रिंसिपल को जमकर फटकार लगाई गई है और छात्रों को तुरंत राशि वापस करने के आदेश दिए गए हैं. इसके साथ ही भविष्य में ऐसी गलती नहीं दोहराने की बात कही है.
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लॉकडाउन से लेकर अनलॉक तक स्कूलों के संचालन को पूरी तरह बंद रखने का शासन ने निर्णय लिया है. ऐसे में छात्रों से फीस वसूली पर भी रोक है. जहां एक ओर निजी स्कूलों के छात्रों से फीस वसूली की पूर्व में कई बार शिकायत आ चुकी थी, अब सरकारी स्कूल भी इसमें पीछे नहीं है. शासकीय हायर सेकेंडरी स्कूल करवां में एडमिशन शुल्क के नाम पर छात्रों को स्कूल बुलाकर फीस वसूली की जा रही है. ऐसा ही नजारा जिले के कई स्कूलों में है. बच्चों का कहना है कि उन्हें फीस पटाने कहा गया और वे पटा रहे हैं.