सुकमा: महिला स्व सहायता समूह की आमदनी बढ़ाने और गांव से कुपोषण भगाने के लिए कवायद शुरू हो गई है.
सुकमा जिले में सबरी लेयर फार्मिंग यूनिट योजना के अंतर्गत स्वयंसेवी महिलाएं लेयर फार्मिंग कर अंडा उत्पादन के जरिए अपनी आमदनी बढ़ा रही हैं.
लेयर फार्मिंग योजना के जरिए महिलाएं बन रहीं आत्मनिर्भर अंडा कुपोषण मुक्ति अभियान में साबित हो रहा कारगर
साथ ही पोटा केबिन, आश्रम शाला और आंगनबाड़ी में अंडे भी बेच रहीं हैं. इस तरह महिलाएं सरकार के कुपोषण मुक्ति अभियान में भी सक्रिय भागीदारी निभा रही हैं.
पशुधन विभाग महिलाओं की कर रहा मदद
सबरी लेयर फार्मिंग के लिए पशुधन विभाग ने हितग्राहियों का चयन कर राष्ट्रीय आजीविका मिशन के तहत बिहान संचालित महिला स्व सहायता समूह की स्वयं सेविकाओं को लाभार्थी बनाया गया है. महिला समूहों के लाभार्थी को 50-50 मुर्गी दी गई हैं . लाभार्थियों को चूजों के साथ दाना, जाली और दवाइयां पशुधन विकास विभाग की ओर से उपलब्ध कराया जा रहा है. अंडों को बाजार में भी बेच कर महिला समूह अपनी आमदनी बढ़ा रही हैं.
50 महिला स्व सहायता समूह कर रहीं है लेयर फार्मिंग
जिले की 50 महिला स्व सहायता समूह की महिलाएं लेयर फार्मिंग कर रहीं है. छिंदगढ़ जनपद पंचायत के रोकेल ग्राम की दुर्गा महिला स्व सहायता समूह की अध्यक्ष माहेश्वरी बघेल और गायत्री महिला स्वसहायता समूह की लक्षमी बेलसरिया ने बताया कि '50 मुर्गियों के लेयर फार्मिंग से 40 से 45 अंडे प्रतिदिन उत्पादन हो रहा है. जिसे वे 6 रुपये प्रति नग के हिसाब से बेच रही हैं और प्रतिदिन 240 से 270 रुपये की आमदनी कर रही है'. उन्होंने बताया कि 'इससे हम खुश हैं हमें स्वरोजगार मिला है. मुनाफा भी हो रहा है. साथ ही बताया कि मुर्गियों की संख्या बढ़ाने से और भी ज्यादा आमदनी होगी'.