नारायणपुर: महिला एवं बाल विकास के सचिव आर प्रसन्ना और संमहिला एवं बाल विकास विभाग की संचालक दिव्या उमेश मिश्रा ने नारायणपुर प्रवास के दौरान ओरछा विकासखण्ड के ग्राम कुंदला में संचालित पोषण पुनर्वास केंद्र का निरीक्षण किया. उन्होंने खाली एवं भरे बेड की जानकारी ली. साथ ही सचिव और संचालक ने अबूझमाड़ में संचालित पोषण पुर्नवास केन्द्र और आंगनबाड़ी केन्द्र का भी निरीक्षण किया.
आंगनबाड़ी केन्द्र का निरीक्षण अबूझमाड़ - कुंदला पोषण पुनर्वास केंद्र में 10 बेड में से 4 बेड में बच्चे भर्ती थे. विभाग के लोगों ने पुर्नवास केन्द्र में बच्चों को दिये जाने वाले पोषण आहार के बारे में विस्तृत जानकारी ली. इस मौके पर कर्मचारियों ने जानकारी दी कि कोरोना संक्रमण के कारण ग्रामीमण केन्द्र में कम आ रहे हैं. टीम ने कर्मचारियों से दूरस्थ अंचल से कुपोषित बच्चों को पोषण पुर्नवास केन्द्र तक लाने की व्यवस्था आदि के बारे में जानकारी ली. इसके साथ ही उन्होंने जानकारी लेते हुए पूछा कि पुनर्वास केंद्र में खाने पीने की अलग-अलग चीजें मिलती हैं. लेकिन जनजातियों का खाने पीने का तरीका अलग है.
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उन्होंने यह भी कहा कि गांव वाले यहां से जाकर अपने तरीके और पसंद की चीजें ही खाते हैं. पोषण पुनर्वास केंद्र के कर्मचारियों ने बताया कि बच्चों के साथ आई उनके माता को यहां रसोई में बनाने खाने की विधि के बारे में बताया जाता है, अधिकतर महिलाएं घर जाकर बताई गई विधि के मुताबिक खाना बनाती हैं.
झाड़-फूंक से दूर रहने की समझा
कर्मचारियों ने बताया कि वे हाट-बाजार या स्वास्थ्य शिविरों में कमजोर पाए गए बच्चों के माता पिता की काउंसिलिंग करते हैं. उसके बाद कमजोर या कुपोषित बच्चों को निर्धारित दिनों तक पोषण पुर्नवास केन्द्र में रखकर उसे कुपोषित से सामान्य श्रेणी में लाया जाता है. यहां आए बच्चों के माता-पिता एवं अभिभावकों को सिरहा-गुनिया और झाड़-फूंक करने वालों से दूर रहने की समझाइश भी दी जाती है.
आंगनबाड़ी केन्द्र का किया निरीक्षण सूखा राशन का वितरण
सचिव आर प्रसन्ना और संचालक दिव्या उमेश मिश्रा ने अबूझमाड़ विकासखंड के ग्राम पंचायत कोडोली में संचालित आंगनबाड़ी केन्द्र का भी निरीक्षण किया. इस दौरान उन्होंने आंगनबाड़ी केन्द्र में आये महिलाओं एवं बच्चों से आत्मीय बातचीत की. संचालक मिश्रा ने महिलाओं को दिए जाने वाले रेडी-टू-इट की गुणवत्ता एवं उपयोग की विधि के बारे में जानकारी ली. निरीक्षण के दौरान उन्होंने रेडी टू इट और उसकी सामग्री का 1 पैकेट साथ ले जाने की बात भी कही, ताकि उसकी पौष्टिक गुणवत्ता की जांच की जा सके. मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के तहत सूखा राशन का वितरण किया गया.