सुकमा:नक्सल प्रभावित चित्रकोट विधानसभा उपचुनाव में मतदान के दौरान कई ऐसी तस्वीरें देखने को मिली, जिन्होंने लोकतंत्र पर हमारे विश्वास को और मजबूत किया. यहां लोगों ने जान जोखिम में डालकर अपने मताधिकार का प्रयोग किया.
मेटापाल और चिंगारास के ग्रामीण कोडरिपाल ग्राम पंचायत के मांझीडीह, मेटापाल और चिंगारास के ग्रामीण नदी पारकर वोट डालने पहुंचे. कोडरिपाल गांव के करीब बहने वाले गुटेर नाले को पार कर गांववाले वोट डालने पहुंचे. तीनों गांव में करीब एक हजार से ज्यादा मतदाता हैं.
ग्रामीण साफ पानी की कर रहे मांग
ग्रामीण मुताबिक गांव में पानी की बड़ी समस्या है. ग्रामीण पीने के पानी के लिए नदी पर आश्रित हैं. कई वर्षों से ग्रामीण साफ पानी की मांग कर रहे हैं. कई चुनाव बीत गए लेकिन इनकी मांगें पूरी नहीं हो सकी हैं. यहां सड़क के नाम पर एक पगडंडी है. राशन और अन्य दैनिक उपयोगी समान के लिए भी ग्रामीण कोडरिपाल पर निर्भर हैं.
महिलाओं ने बढ़-चढ़कर लिया हिस्सा
लोकतंत्र के इस पावन त्योहार में ग्रामीणों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया. ये भी देखने को मिला कि पुरुषों की अपेक्षा महिलाएं बड़ी संख्या में वोट डालने पहुंची. हालांकि 5 मतदान केंद्रों को शिफ्ट करने के बावजूद लोहंडीगुड़ा ब्लॉक के कांटाबांस ग्राम के रहने वाले मतदाता नाव से नदी पार कर मतदान करने पहुंचे.
इंद्रावती नदी पार कर पहुंचे मतदान केंद्र
बीनता ग्राम पंचायत के कांटाबांस गांव के रहने वाले भी मतदान करने इंद्रावती नदी पार कर करेकोट मतदान केंद्र पहुंचे. विडम्बना ये है कि सैकड़ों की संख्या ग्रामीण अपने खुद के साधन नाव, डोंगा से इंद्रावती नदी पार कर मतदान करने पहुचे.
कांटाबास के मतदाता वोट करने पहुंचे
बताया जा रहा है कि पिछले साल की तरह इस साल भी बड़ी संख्या में कांटाबास के मतदाता वोट करने करेकोट पहुंचे. बस्तर में हो रही बारिश की वजह से इंद्रावती नदी उफान पर है बावजूद इसके प्रशासन ने इनके लिए मोटर बोट की व्यवस्था भी नहीं की. ग्रामीण मतदाता अपनी जान जोखिम में डाल कर लोकतंत्र के इस पर्व का हिस्सा बनने पहुंचे. (जगदलपुर)