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खाकी पर दाग: नक्सलियों को कारतूस की सप्लाई, 2 पुलिसकर्मी गिरफ्तार

खबर है कि नक्सलियों को कारतूस सप्लाई करने के मामले में सुकमा पुलिस के दो जवान भी शामिल हैं. शनिवार को ही पुलिस ने शहरी नेटवर्क का खुलासा करते हुए 700 जिंदा कारतूस के साथ चार सप्लायरों को गिरफ्तार किया था. इस पूरे मामले में एएसआई और आर्मरर को भी हिरासत में लिया गया है और उनसे भी पूछताछ की जा रही है. नक्सलियों की सप्लाई चेन में इनकी अहम भूमिका होने की बात कही जा रही है.

sukma police supply cartridges to the Naxalites
सुकमा में नक्सलियों को कारतूस की सप्लाई

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Published : Jun 8, 2020, 7:02 PM IST

Updated : Jun 8, 2020, 8:15 PM IST

सुकमा: छत्तीसगढ़ पुलिस नक्सलियों के खिलाफ लगातार अभियान चला रही है. पिछले 2 महीने के अंदर पुलिस ने नक्सलियों के शहरी नेटवर्क की कमर तोड़कर रख दी है. 12 मई तक पुलिस ने 11 लोगों को गिरफ्तार किया था और 14 मई को करोड़ों का कारोबारी निशांत जैन हत्थे चढ़ा था. लेकिन जो पुलिसवाले 'लाल आतंक' को बैकफुट पर लाने के लिए दिन-रात एक किए हुए हैं, लेकिन खबर है कि उन्हीं में से कुछ गद्दारी कर नक्सलियों की ही मदद कर रहे हैं.

नक्सलियों को कारतूस की सप्लाई करने वाला दो पुलिसकर्मी गिरफ्तार

खबर है कि नक्सलियों को कारतूस सप्लाई करने के मामले में सुकमा पुलिस के दो जवान भी शामिल हैं. शनिवार को ही पुलिस ने शहरी नेटवर्क का खुलासा करते हुए 700 जिंदा कारतूस के साथ चार सप्लायरों को गिरफ्तार किया था. इस पूरे मामले में एएसआई और आर्मरर को भी हिरासत में लिया गया है और उनसे भी पूछताछ की जा रही है. नक्सलियों की सप्लाई चेन में इनकी अहम भूमिका होने की बात कही जा रही है.

आला अधिकारी कर रहे हैं इनकार

पूर्व में भी एएसआई और आर्मरर द्वारा नक्सलियों को कारतूस और दूसरी जरूरी सामग्री सप्लाई किया गया है. हालांकि पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों ने नक्सलियों को कारतूस की सप्लाई करने में जवानों की भूमिका से इनकार किया है.

कांकेर जिले में नक्सल मामलों में हुए खुलासे में शहरी नेटवर्क के तार सुकमा से जुड़ते मिले हैं. मोबाइल ट्रेसिंग कर पुलिस ने ऐसे जवानों पर नजर रखने लगी थी. इसी बीच गुप्त सूचना मिली थी कि नक्सलियों को गोलियों की सप्लाई होने वाली है. इसके मद्देनजर एक विशेष टीम का गठन किया गया. जिसकी कमान स्वयं पुलिस अधीक्षक शलभ सिन्हा ने संभाल रखी थी.

सप्लायरों को घेराबंदी कर धरदबोचा

जानकारी के मुताबिक 3-4 जून को एएसआई और सप्लायरों के बीच कारतूस सप्लाई की योजना बनी. सप्लायर लगातार एएसआई के संपर्क में थे. पुलिस भी जवान और सप्लायर का फोन ट्रेस कर रही थी. 4 तारीख की सुबह करीब 4 बजे शहर के मलकानगिरी चौक पर मिलने का प्लान बनाया. प्लान के मुताबिक सप्लायर चारपहिया वाहन में सुकमा पहुंचे और मलकानगिरी चौक पर जवान का इंतजार कर रहे थे. इसी बीच पुलिस की विशेष टीम ने सप्लायरों को घेराबंदी कर धरदबोचा. इसके बाद कारतूस का बैग लेकर पहुंचे एएसआई को भी पुलिस ने पकड़ लिया. पुलिस ने मौके से दो सप्लायर और एक एएसआई को हिरासत में लिया और आरमोरर को इंदिरा कॉलोनी स्थित उसके घर उठाया.

तीन महीने से रख रहे थे जवानों पर नजर

लगातार पुलिस की कार्रवाई में शहरी नेटवर्क का खुलासा हुआ है. कांकेर में कुछ माह पहले सप्लायरों से पूछताछ में सुकमा के कुछ पुलिसकर्मियों के शामिल होने की जानकारी मिली. इसके बाद से सुकमा पुलिस एएसआई पर नजर बनाए हुई थी. एएसआई की संदिग्ध गतिविधियों के कारण पुलिस का शक यकीन में बदल गया. एएसआई का फोन ट्रेस किया गया जिसमें एएसआई लगातार नक्सल सप्लायरों के संपर्क में था. कारतूस की बड़ी खेप आर्मरर के सहयोग से सप्लायारों तक पहुंच रही थी.

कांकेर के मामले-

  • 24 मार्च: तापस पालित. चारपहलिया वाहन में भारी मात्रा में जूते, नक्सल वर्दी, तथा अन्य सामान के साथ सिकसोड पुलिस ने पकड़ा.
  • 24 अप्रैल: अजय जैन ,कोमल प्रसाद, रोहित नाग, सुशील शर्मा, सुरेश शरणागत, दयाशंकर मिश्रा अलग अलग स्थानों से पकड़े गए.
  • 5 मई: टोनी भदौरिया, नक्सलियों के लिए सामान की खरीदी करने वाला आरोपी राजनादगांव से पकड़ा गया.
  • 7 मई: जनपद सदस्य राजेन्द्र सलाम और नक्सल कमांडर राजू सलाम का भाई मुकेश सलाम पकड़े गए.
  • 12 मई: कोयलीबेड़ा क्षेत्र में सड़क ठेकेदारी करने वाला आरोपी अरुण ठाकुर पकड़ा गया, नक्सलियों तक समान यही पहुचाता था.
  • 14 मई: मुख्य ठेकेदार निशांत जैन बिलासपुर से पकड़ा गया.
  • फरार आरोपी: वरुण जैन.

एक साल में तीन लाख के कारतूस बेच दिए

नक्सलियों को सप्लाई किए जाने वाले कारतूस सुकमा ही नहीं बीजापुर से भी सप्लाई किया जाता था. गिरफ्तार किए गए सप्लायरों ने इसका खुलासा किया था. एएसआई और आरमोरर द्वारा सप्लायरों को साढ़े तीन सौ रुपए प्रति गोली के हिसाब से कारतूस बेचते थे. जानकारी के अनुसार एक साल में करीब तीन लाख से ज्यादा के कारतूस बेच दिए हैं. तीसरी बार बेचने जा रहे थे कि पुलिस ने रंगे हाथ पकड़ लिया.

पूर्व में सबक लिया होता तो नहीं होती सेंधमारी

नक्सलियों तक बड़ी मात्रा में असलहा, बारूद की सप्लाई का एक बड़ा स्त्रोत पुलिस जवान रहे हैं. दक्षिण बस्तर में पूर्व के कुछ मामलों पर प्रकाश डालें तो वर्दी वाले ही सरकारी कारतूस और हथियार सप्लाई करते पकड़े गए हैं. सुकमा जिले में पुलिस जवानों द्वारा नक्सलियों को कारतूस सप्लाई करने का यह नया मामला नहीं है.

पहले भी आ चुके हैं मामले

पहले भी कई मामले सामने आए हैं. जिसे विभागीय स्तर पर दबा दिया गया. जानकारी के अनुसार वर्ष 2013 में नक्सली संगठन से पुलिस में शामिल हुए आरक्षक द्वारा नक्सलियों को हथियार और कारतूस सप्लाई करते पकड़ा गया था. पूछताछ कर उसे माफ कर दिया. इसके बाद वर्ष 2016 में डीआरजी के कुछ जवानों पर भी नक्सलियों को कारतूस सप्लाई करने का आरोप लगा था.

पढ़ें- सुकमा: नक्सलियों को विस्फोटक सप्लाई करने वाले 4 गिरफ्तार, हो सकते हैं बड़े खुलासे

इस मामले में एसआईटी गठित की गई है. जांच टीम को अहम सुराग हाथ लगे हैं. कई बिंदुओं पर जांच की जा रही है. नक्सलियों के सप्लाई चेन में शामिल और भी लोगों के नामों का खुलासा जल्द किया जाएगा.

Last Updated : Jun 8, 2020, 8:15 PM IST

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